चीनी इलेक्ट्रिक कारों का यूरोप पर हो रहा कब्जा: अमेरिका ने लगाया भारी TAX
1. यूरोप के पारंपरिक कार ब्रैंड्स का घातक संकट
यूरोप के पारंपरिक कार ब्रैंड्स जैसे BMW, Mercedes और Audi अब चीनी कंपनियों के सामने मुश्किल में हैं। यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ती मांग और चीन के सस्ते विकल्पों के चलते उनकी स्थिति चिंताजनक है।
2. चीन की सस्ती कारें, यूरोप में हो रही हैं पॉपुलर
सैक जैसी कंपनियां यूरोप में अब बड़ा नाम बन चुकी हैं। चीनी कारें अपनी प्रतिस्पर्धी से करीब 10 लाख रुपए सस्ती हैं, जिससे यूरोपीय उपभोक्ता आकर्षित हो रहे हैं।
3. चीन की ग्रोथ का अनुमान
अर्थशास्त्री के मुताबिक, चीनी कंपनियां 2025 तक यूरोप के EV बाजार में 15% हिस्से पर कब्जा कर लेंगी। BYD, Nio और Li Auto जैसी कंपनियां यूरोप में तेजी से बढ़ रही पॉपुलैरिटी का अनुभव कर रही हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी:
आंकड़ा | विवरण |
---|---|
10 लाख रुपये | चीनी कारें प्रतिस्पर्धी से कितनी सस्ती हैं |
15% | चीनी कंपनियों की अनुमानित हिस्सेदारी यूरोप के EV बाजार में तक 2025 |
5 | चीनी कंपनियों की संख्या जो 2024 में यूरोप में लॉन्च होंगी |
आखिरी तौर पर, यह जानकारी स्पष्ट करती है कि चीनी ऑटोमोबाइल उद्योग ने यूरोप में अपनी मजबूत पहचान बना ली है। जबकि अमेरिका चीनी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स लगा रहा है, यूरोप में इसे अधिक स्वागत किया जा रहा है।