दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति का सऊदी अरब की फ्लाइनास एयरलाइंस में बैग खो गया था. पीड़ित ने इस मामले में कंपनी को कई बार शिकायत दी लेकिन हर बार कंपनी की ओर से अनसुनी कर दी गई. अंत में पीड़ित ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मामला दर्ज कराया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एयरलाइंस कंपनी को 1 लाख रुपए 6 प्रतिशत ब्याज के साथ उपभोक्ता को देने का फैसला सुनाया. इसके साथ ही मानसिक पीड़ा के लिए 10 हजार रुपए का मुआवजा देने का भी फैसला सुनाया.
ये पूरा मामला बीते साल 2024 का है. आकाश अग्रवाल अपनी फैमिली के साथ 23 दिसंबर 2024 से 3 जनवरी के बीच दिल्ली से सऊदी अरब घूमने गए थे. सऊदी से लौटते वक्त एयरपोर्ट पर आकाश ने चेकइन के लिए 5 बैग स्टाफ को दिए थे. एयरलाइंस स्टाफ ने परिजनों के 4 बैग पर टैग लगाए और एक बैग बिना टैग के ही बेल्ट पर चढ़ा दिया. इसके बारे में परिजनों ने काउंटर पर मौजूद स्टाफ को बताया था.
लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें केवल 4 बैग ही मिले और बाकी पांचवा बैग खो गया. शिकायतकर्ता ने खोए हुए बैग के बारे में जानकारी लेने के लिए एयरलाइंस को कई बार ईमेल भेजे, लेकिन एयरलाइंस की ओर से इसका कोई भी जवाब नहीं मिला. अंत में परेशान होकर पीड़ित ने आयोग में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया. सुनवाई के दौरान कंपनी के लोग नहीं आए. उपभोक्ता आयोग ने कहा कि एयरलाइंस के सहायक कर्मचारियों और शिकायतकर्ता के संपर्क में रहने वाले अधिकारियों ने लापरवाही बरती. ऐसे में आयोग ने अब पीड़ित के पक्ष में अपना फैसला सुनाया.




