वित्त मंत्रालय ने संसद में लिखित जवाबों में यह साफ किया है कि लोन के लिए CIBIL स्कोर जरूरी है या नहीं, उसका क्या महत्व है, और क्या सरकार इसे किसी नई संस्था से बदलने वाली है।
CIBIL स्कोर क्यों ज़रूरी है?
मंत्री ने बताया कि आरबीआई बैंकों को निर्देश देता है कि वे उधार लेने वाले की जानकारी अलग-अलग स्रोतों से जांचें। इसमें CIBIL जैसी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICs) का डेटा भी शामिल है। इसमें यह देखा जाता है कि उधार लेने वाले ने पहले समय पर किस तरह किस्तें चुकाई हैं, कहीं लोन सेटल, रीस्ट्रक्चर या लिखा-खर्चा (write-off) तो नहीं हुआ। इससे बैंक को उधार देने का सही फैसला लेने में मदद मिलती है।
क्या बिना CIBIL स्कोर के लोन मिल सकता है?
आरबीआई ने न्यूनतम स्कोर तय नहीं किया है। लोन देने का फैसला बैंक अपनी नीतियों और नियमों के हिसाब से लेते हैं। रिपोर्ट (CIR) सिर्फ एक आधार होती है, पूरा निर्णय उसी पर नहीं होता। पहली बार लोन लेने वाले को सिर्फ इस वजह से मना नहीं किया जा सकता कि उसका कोई स्कोर नहीं है।
CIBIL स्कोर की फीस कितनी है?
आरबीआई ने तय किया है कि अपनी क्रेडिट रिपोर्ट लेने पर 100 रुपये से ज्यादा नहीं लिए जा सकते। साथ ही हर CIC को साल में एक बार एक मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर ई-फॉर्मेट में देना जरूरी है।
CIBIL क्या करता है?
CIBIL एक क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है जिसे RBI नियंत्रित करता है। इसका काम उधार लेने वालों का वित्तीय और क्रेडिट रिकॉर्ड इकट्ठा करना, उसका विश्लेषण करना और बैंकों व अन्य संस्थाओं को उपलब्ध कराना है। CICs को डेटा कम से कम 7 साल तक रखना होता है।
क्या सरकार CIBIL को बदलेगी?
2024 के बजट में सरकार ने National Financial Information Registry (NFIR) बनाने का ऐलान किया था, ताकि सभी वित्तीय जानकारी एक जगह रहे। लेकिन अभी सरकार के पास CIBIL को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
RBI ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
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हर व्यक्ति को साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर मिलना चाहिए।
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अगर किसी की शिकायत रिजेक्ट हो तो CIC में एक आंतरिक लोकपाल (Internal Ombudsman) होना चाहिए।
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जरूरत पड़ने पर ग्राहक RBI Ombudsman के पास जा सकते हैं।
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जब भी किसी का क्रेडिट रिपोर्ट चेक किया जाए तो SMS/ईमेल से सूचना देना जरूरी है।
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यदि कोई लोन किस्त बकाया हो या डिफॉल्ट हो तो ग्राहक को संदेश भेजना जरूरी है।
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CICs को हर छह महीने में ग्राहकों की शिकायतों की समीक्षा करनी होगी।
आसान शब्दों में कहें तो, CIBIL स्कोर आपकी लोन चुकाने की क्षमता और भरोसेमंद होने का मापदंड है। यह लोन मिलने का अकेला आधार नहीं है, लेकिन बहुत अहम है।




