Security के नाम पर काफी खर्च करते हैं लोग
आजकल लोग सिक्योरिटी के नाम पर काफी खर्च करते हैं। घर की बनावट के साथ साथ मेन गेट की सुरक्षा के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाए जाते हैं। मेन गेट मजबूत होने के साथ इस तरह का भी होना जरूरी होता है कि आसानी से गृह मालिक की अनुमति के बिना कोई अंदर न आ सके। इसके साथ तकनीकी उपायों की भी सहायता ली जाती है ताकि अगर कोई चोरी के इरादे से प्रवेश की कोशिश करे तो उसे तुरंत पकड़ा जा सके।
वहीं जो लोग फ्लैट में रहते हैं वह बाहर जाते समय गेट पर मोटा ताला जरूर लगाते हैं। ज्यादातर लोग अधिक सोना और पैसा घर में नहीं रखते हैं, उसे बैंक में रखना पसंद करते हैं।
यहां बैंक में भी नहीं लगता है ताला
लेकिन भारत के महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जहां किसी भी घर में ताला नहीं लगाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि घर तो घर यहां बैंक में भी कोई ताला नहीं लगाया जाता है। इस खूबसूरत गांव का नाम शनि शिंगणापु है। इसे शनिधाम के रूप में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां बैंक में किसी भी समय ताला नहीं लगाया जाता है और आजतक किसी तरह की चोरी की वारदात भी नहीं हुई है।
क्यों नहीं होती है सुरक्षा की कोई व्यवस्था, क्या है धार्मिक मान्यता?
भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां की सुरक्षा खुद शनिदेव करते हैं। यहां के घरों में ताला तो दूर लोग दरवाजा भी नहीं लगवाते हैं। हालांकि, जानवरों से बचने के लिए चौखट पर लकड़ी के डंडे लगाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तकरीबन 300 साल पहले इस गांव में भारी बाढ़ आया था। तभी वहां एक काली चट्टान दिखी, जिसे छूने पर उससे खून निकलता था।
उसी रात गांव के मुखिया के सपने में शनि देव ने दर्शन दिया और मंदिर बनाने की बात कही। उन्होंने यह शर्त रखी कि मंदिर में छत आदि या ऐसा कंस्ट्रक्शन नहीं होने चाहिए ताकि वह गांव को अच्छी तरह देख सके। ऐसा ही किया गया। तभी से यह प्रथा शुरू हो गई, खुद शनिदेव इस गांव की रक्षा करते हैं।
नए जनरेशन की सोच भी जान लें
हालांकि, सच जो भी हो लेकिन आज तक यहां चोरी की कोई घटना नहीं हुई। वहीं समय के साथ नए जनरेशन की सोच बदलती है और यहां पर ऐसा ही हुआ है। कई लोग ऐसे हैं जो ग्राम पंचायत से अपने घरों में दरवाजे और ताला लगाने की अनुमति की मांग कर रहे हैं, उनका मकसद केवल अपने परिवार की सुरक्षा करना है।
लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग मानते हैं कि इसकी जरूरत नहीं है क्यूंकि खुद शनि देव उनकी रक्षा करते हैं। जो भी चोरी आदि की भावना रखता है या करता है उन्हें शनिदेव जरूर पाठ पढ़ाते हैं।
2010 में चोरी की घटना लेकिन कहा गया कि गांव से बाहर हुआ था मामला
सदियों से Shani Shingnapur चोरी की घटनाओं से दूर रहा है लेकिन वर्ष 2010 में एक यात्री ने 35,000 के सामान और कुछ रकम चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं वर्ष 2011 में भी 70,000 रुपए के सोने की चोरी की घटना की बात कही गई थी लेकिन गांववालों के मुताबिक यह घटना गांव से बाहर की थी।