देश में किसी भी प्रकार से वाहन को खरीदने का सीधा तात्पर्य होता है टैक्स के बाद टैक्स और उसके बाद रजिस्ट्रेशन टैक्स फिर गाड़ी लेकर सड़कों पर निकले तो टोल टैक्स. आम आदमी के लिए एक चार पहिया वाहन सहूलियत नहीं बल्कि भारत में लग्जरी माना जाता है. लेकिन अब कम से कम सड़कों पर दौड़ने के लिए टोल टैक्स से बचाव हेतु नए उपाय को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लागू करने जा रहे हैं.
दरअसल देश में अब हाईवे पर टोल देने के लिए गाड़ी रोकने की ज़रूरत नहीं होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि अगले 15 दिनों में सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन पॉलिसी को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसका मकसद है यात्रा को सुगम बनाना और टोल प्लाज़ा पर लगने वाले जाम को खत्म करना।
कैसे काम करेगा सैटेलाइट-बेस्ड टोल सिस्टम?
यह नया सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर आधारित है, जो गाड़ियों की रीयल टाइम लोकेशन ट्रैकिंग करता है। इस तकनीक से गाड़ियों को हाईवे पर हर दिशा में रोज़ाना 20 किलोमीटर तक का सफर मुफ्त मिलेगा।
यानी, यदि आप रोज़ ऑफिस या किसी छोटे सफर के लिए नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं, तो 20 KM तक टोल नहीं देना होगा।
पायलट प्रोजेक्ट और FASTag के साथ शुरुआत
सरकार ने पहले से कुछ नेशनल हाईवे पर इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है, जिससे इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को टेस्ट किया जा रहा है। यह तकनीक फिलहाल FASTag सिस्टम के साथ मिलकर काम करेगी, ताकि धीरे-धीरे पुराना सिस्टम हटाया जा सके।
पेमेंट कैसे होगा?
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हर गाड़ी में एक On-Board Unit (OBU) या ट्रैकिंग डिवाइस लगाया जाएगा।
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जब वाहन हाईवे पर चलेगा, तो OBU से ट्रैक होगा कि कितनी दूरी तय की गई।
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जितनी दूरी गाड़ी हाईवे पर चलेगी, उसी के आधार पर टोल कटेगा।
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यह रकम OBU से लिंक डिजिटल वॉलेट से ऑटोमैटिकली डिडक्ट होगी।