अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क़तर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जस्सिम अल थानी के साथ बुधवार शाम एक प्राइवेट डिनर किया। इससे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में बहरीन के युवराज सलमान बिन हमद अल खलीफा से मुलाक़ात की।
इन मुलाक़ातों का उद्देश्य ग़ाज़ा युद्धविराम की दिशा में प्रगति, क्षेत्रीय तनाव को कम करना और खाड़ी देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मज़बूत करना था। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ग़ाज़ा युद्ध जैसे क्षेत्रीय संकटों पर कम प्रगति के बावजूद, खाड़ी देशों के साथ राजनयिक संबंधों को आर्थिक विकास का ज़रिया बताते हुए ज़ोर दिया।
ट्रंप का खाड़ी देशों से विशेष लगाव रहा है, जहां उनके परिवार के व्यापारिक संबंध भी व्यापक हैं। मई के मध्य में, ट्रंप ने सऊदी अरब, क़तर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया जो उनके दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा थी।
क़तर यात्रा के दौरान उन्होंने महलों की तारीफ़ की और अल उदीद एयर बेस (मध्य पूर्व का सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा) का दौरा किया। यह अड्डा उस समय ईरान की मिसाइलों का निशाना बना जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था—सीज़फायर से ठीक कुछ घंटे पहले।
इस दौरे के दौरान कम-से-कम $1.2 ट्रिलियन (लगभग ₹100 लाख करोड़) के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें शामिल हैं:
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क़तर एयरवेज द्वारा बोइंग से 210 विमान खरीदने का सौदा
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Raytheon जैसी रक्षा कंपनियों से ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक की ख़रीद
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अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में निवेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे क़तर द्वारा भेंट में दिया गया एक शानदार Boeing 747 विमान अपने नए Air Force One के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि वे बोइंग कंपनी द्वारा नए राष्ट्रपति विमानों की देरी से परेशान हैं। हालांकि, इस प्रस्ताव ने कई सुरक्षा और नैतिकता से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि यह विमान एक विदेशी सरकार (क़तर) से उपहार के रूप में मिला है। मध्य पूर्व मामलों के विशेषज्ञ ऐरन डेविड मिलर (जो डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सरकारों में सलाहकार रह चुके हैं) ने कहा खाड़ी क्षेत्र (Gulf) ट्रंप की सोच में मध्य पूर्व की परिपूर्ण छवि है धनवान, स्थिर और ऐसे शासकों से भरा हुआ जिनसे ट्रंप को सहजता महसूस होती है।




