भारतीय रेलवे की यात्रा नियमावली में जनरल टिकट से स्लीपर क्लास में यात्रा करने पर विशेष प्रावधान शामिल हैं। भारत में रोजाना लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं, जिसमें कई बार यात्री जनरल टिकट लेकर स्लीपर बोगी में चढ़ जाते हैं। इस स्थिति में जुर्माने और नियमों का एक सेट मौजूद है जिसे यात्रियों को समझना चाहिए।
भारतीय रेलवे का नियम
रेलवे के अनुसार, यदि यात्रा की दूरी 199 किलोमीटर या उससे कम है, तो जनरल टिकट 3 घंटे तक वैलिड रहती है। यात्री को जनरल टिकट पर स्लीपर क्लास में यात्रा करने की अनुमति है, लेकिन कुछ शर्तें लागू होती हैं।
जुर्माने की स्थिति
यदि टीटीई (टिकट चेकिंग स्टाफ) यात्री को इस स्थिति में पकड़ लेता है, तो वह दोनों केटेगरी के टिकटों के बीच के अंतर को देखते हुए स्लीपर क्लास का टिकट बना सकता है। अगर सीट उपलब्ध नहीं है, तो यात्री को अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति मिल सकती है।
अगर जुर्माना नहीं दिया जाता
यदि यात्री जुर्माना नहीं देता है और स्लीपर कोच में ही बैठा रहता है, तो उसे 250 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। यदि जुर्माना नहीं दिया जाता है, तो टीटीई यात्री का चालान बनाकर कोर्ट में जमा कर सकता है।
यात्रा की शर्तें
अगर जनरल कोच में भीड़ होती है तो रेलवे अगली ट्रेन का इंतजार करने का सुझाव देता है। यदि टिकट की वैलिडिटी लिमिट के अंदर कोई और ट्रेन नहीं है, तो यात्री स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए ट्रेन में एंट्री करते ही टीटीई से संपर्क करना चाहिए और अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।