दुबई की एक आपराधिक अदालत ने दो अरब महिलाओं को अपनी ही मां पर हमला करने का दोषी ठहराते हुए प्रत्येक पर 1,000 दिरहम का जुर्माना लगाया। इसके बाद मामला दीवानी अदालत में पहुँचा, जहाँ मां ने भावनात्मक और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवज़े की मांग की।
दीवानी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आपराधिक अदालत का निर्णय इस बात की पुष्टि करता है कि हमला हुआ था, और यही मुआवज़े के दावे का आधार बनेगा। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि “नैतिक हानि” में गरिमा, भावनाओं और सम्मान को चोट पहुंचाना शामिल है, जिसमें मानसिक पीड़ा भी आती है, और ऐसे नुकसान का आकलन करना अदालत के विवेकाधिकार में आता है।
सबूतों की समीक्षा के बाद अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि मां को शारीरिक चोटों के साथ-साथ मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी। इसके आधार पर अदालत ने दोनों बेटियों को संयुक्त रूप से 30,000 दिरहम मुआवज़े के रूप में अदा करने का आदेश दिया, साथ ही 5 प्रतिशत कानूनी ब्याज भी ruling के अंतिम होने की तारीख से लागू होगा।




