पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और पाकिस्तान ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह घोषणा अबू धाबी में मंगलवार को आयोजित पाकिस्तान-यूएई संयुक्त मंत्री आयोग (Joint Ministerial Commission – JMC) के 12वें सत्र के बाद की गई.
समझौते का उद्देश्य:
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राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों की आवाजाही को सरल बनाना
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दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और विकास सहयोग को गहरा करना
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व्यापार, निवेश, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और आईटी जैसे क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा
प्रमुख तथ्य:
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यूएई में 17 लाख से अधिक पाकिस्तानी प्रवासी रहते हैं, जो वहां की सबसे बड़ी विदेशी जनसंख्या में से एक हैं.
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पिछले वर्ष (2024) में 64,000 से अधिक पाकिस्तानियों को यूएई में रोजगार मिला था.
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि यूएई और पाकिस्तान के बीच तीन महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. डार ने कहा, ये समझौते दोनों देशों के लिए पारस्परिक लाभ और गहन सहयोग के नए रास्ते खोलेंगे.
My Brother HH Sheikh Abdullah bin Zayed @ABZayed and I signed an agreement on mutual visa exemption for the holders of diplomatic & official passports of our two countries, at the conclusion, very late last night, of a highly productive 12th session of the Pakistan-UAE Joint… pic.twitter.com/MQX671bhEk
— Ishaq Dar (@MIshaqDar50) June 25, 2025
हस्ताक्षरित तीन प्रमुख समझौते:
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🛂 राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा छूट
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🤖 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग
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💼 संयुक्त निवेश संवर्धन के लिए समझौता
यूएई-पाकिस्तान संयुक्त मंत्री आयोग (Joint Ministerial Commission – JMC) की 12वीं बैठक मंगलवार को अबू धाबी में संपन्न हुई. इस बैठक की सह-अध्यक्षता पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और यूएई के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान ने की.
बैठक में प्रमुख चर्चाएं और सहमति:
बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की पूरी परिधि की समीक्षा की गई और निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर ठोस कदमों पर सहमति बनी:
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व्यापार और निवेश
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बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली
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संस्कृति और उच्च शिक्षा
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उड्डयन और रेलवे
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ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा
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जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सेवाएं
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रक्षा, श्रम और सूचना प्रौद्योगिकी




