उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी सरकार का सबसे ज्यादा जोर अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाकर औद्योगिक विकास करना है। उद्योगों के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर होना जरूरी है, जिस पर सरकार लगातार काम कर रही है। इसके सकारात्मक परिणाम इसी से समझे जा सकते हैं कि वर्ष 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में हुए निवेश एमओयू संबंधी चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। विकास के मामले में उत्तर प्रदेश के बदले परिदृश्य का ही परिणाम है कि फरवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू साइन हुए।
इससे नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। योगी सरकार ने अक्टूबर माह में प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग ग्यारह लाख करोड़ से अधिक के एमओयू को धरातल पर उतारने की तैयारी कर ली है। निवेशकों को उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी आकर्षित कर रही है।
- 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और 296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू हो चुका है।
- झांसी लिंक एक्सप्रेसवे व चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 235 करोड़ रुपये, बुंदेलखण्ड डिफेंस कारिडोर परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
- गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रगति पर है।
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने हेतु 200 करोड़ रुपये का प्रावधान हैगाजीपुर से बलिया होते हुए माझी घाट तक बलिया लिंक एक्सप्रेसवे बनाये जाने का निर्णय लिया जा चुका हैं।
उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे नेटवर्क है। उत्तर प्रदेश में सड़कों पर काम तेजी से हो रहा है। ब्लॉक मुख्यालय, जिला मुख्यालय, एक राज्य से दूसरे राज्य को जोड़ने के लिए भी सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।
एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की सहूलियत के लिए बना दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे है।
इसके साथ ही 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का काम भी गतिमान है। इसके पूरा होने से पूरब और पश्चिम की दूरी तय करने में समय की काफी बचत होगी।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद गंगा एक्सप्रेसवे यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर भी कार्य गतिमान है।
- इन एक्सप्रेसवे के अलावा लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, गाजीपुर बलिया मांझीघाट एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन हैं।
इससे निवेशकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के आम नागरिकों की भी फायदा मिलेगा। प्रदेश में हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारों का निर्माण भी हो रहा है। इसके साथ ही इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए इन एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमानों की लँडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी विकसित की जा रही हैं।