भारत की बड़ी माइनिंग और मेटल्स कंपनी वेदांता लिमिटेड के भविष्य पर आज (18 फरवरी) बड़ा फैसला होने वाला है। कंपनी के कर्जदाता (Creditors) आज इस पर चर्चा करेंगे कि वेदांता को 5 अलग-अलग कंपनियों में बांटने की योजना को हरी झंडी दी जाए या नहीं।
क्या है वेदांता के बंटवारे की योजना?
वेदांता ग्रुप फिलहाल कई अलग-अलग सेक्टर्स में कारोबार करता है, जिसमें एल्यूमिनियम, तेल-गैस, बिजली, स्टील और सेमीकंडक्टर शामिल हैं। कंपनी चाहती है कि इन सभी को अलग-अलग इकाइयों के रूप में लिस्ट किया जाए, ताकि निवेशकों को बेहतर मौके मिलें और कंपनी का कुल वैल्यूएशन बढ़े।
कर्जदाताओं की बैठक क्यों जरूरी है?
- कंपनी पर बड़ा कर्ज है, जिसे मैनेज करने के लिए यह कदम जरूरी बताया जा रहा है।
- इस योजना को लागू करने के लिए कर्जदाताओं के 75% बहुमत से मंजूरी चाहिए।
- अगर मंजूरी मिलती है, तो अलग-अलग सेक्टर्स में नए निवेशक आ सकते हैं।
डिमर्जर (बंटवारे) से किसे होगा फायदा?
निवेशकों को: अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में निवेश करने का मौका मिलेगा।
सरकार को: सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी में निवेश बढ़ने से नई नौकरियां पैदा होंगी।
कंपनी को: ऑपरेशन को बेहतर तरीके से मैनेज करने और कर्ज कम करने में मदद मिलेगी।
क्या वेदांता के शेयर में उछाल आएगा?
- अगर यह प्लान पास हो जाता है, तो वेदांता के शेयर में तेजी आ सकती है।
- सेमीकंडक्टर और तेल-गैस सेक्टर में निवेश बढ़ने से स्टॉक में सुधार होगा।
- बीते कुछ महीनों में वेदांता के शेयर में लगभग 10% की गिरावट आई है, ऐसे में यह फैसला बड़ा बदलाव ला सकता है।
कर्ज घटाने पर वेदांता का खास फोकस
अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली यह कंपनी पिछले दो साल में 4 अरब डॉलर का कर्ज चुका चुकी है, और अगले 3 सालों में 3 अरब डॉलर और चुकाने की योजना है। कंपनी चाहती है कि वह अपने जटिल वित्तीय ढांचे को सरल बनाए, जिससे भविष्य में स्थिरता बनी रहे।
क्या निवेश करना चाहिए?
अगर आप वेदांता में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो इस फैसले के बाद शेयर का ट्रेंड और बाजार की प्रतिक्रिया जरूर देखें। अगर डिमर्जर को मंजूरी मिलती है, तो वेदांता के कुछ हिस्सों में अच्छा ग्रोथ देखने को मिल सकता है।