दुबई के फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी, सिटिजनशिप, कस्टम्स एंड पोर्ट सिक्योरिटी (ICP) ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक कार बनाई है जो वीज़ा और रेज़िडेंसी (निवास) नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान करेगी।
कार में लगे हैं छह कैमरे
ICP के अधिकारी फारिस अलमाइनी ने बताया कि इस कार में छह कैमरे लगे हैं, जो चारों ओर से 360 डिग्री कवरेज देते हैं। ये कैमरे करीब 10 मीटर तक के दायरे में लोगों के चेहरे की तस्वीरें कैप्चर कर सकते हैं। इसके सिस्टम में AI का इस्तेमाल किया गया है, जो एक स्पेशल डैशबोर्ड से जुड़ा है। इस पर हीट मैप और अलर्ट रियल टाइम में दिखते हैं।
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कार बहुत हाई-टेक है, लेकिन यह पूरी तरह ऑटोमैटिक नहीं है। इसे इंस्पेक्शन अधिकारी चलाएंगे और स्क्रीन पर दिख रहे लोगों की जानकारी जांचेंगे। यानि की ये कार खुद नहीं चलती है।
2026 की शुरूआत में लॉन्च होगी कार
2026 की शुरुआत में पहली कारें लॉन्च होंगी। इसकी शुरुआत दुबई से होगी, फिर इसे दूसरे अमीरात में भी लागू किया जाएगा।अगर यह कार किसी ऐसे व्यक्ति को पकड़ती है जिसका वीज़ा या रेज़िडेंसी स्टेटस गलत या एक्सपायर है, तो मामला कार तक सीमित नहीं रहेगा। अधिकारी कार से उतरकर उस व्यक्ति से बात करेंगे, उसके दस्तावेज़ चेक करेंगे, और कानूनी तरीके से मामला सुलझाने की कोशिश करेंगे।
यह “स्मार्ट कार” ICP की कई नई तकनीकी योजनाओं में से एक है, जिन्हें Gitex 2025 में पेश किया गया। इसका उद्देश्य इंस्पेक्शन और इमीग्रेशन प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना है।
32 हजार से ज्यादा वीजा उल्लंघन मामले
ICP ने 2025 की पहली तिमाही में ही 32,000 से ज़्यादा वीज़ा उल्लंघन (जैसे ओवरस्टे या गैर-कानूनी नौकरी) पकड़े हैं। यदि यह योजना सफल रहती है, तो यह कार उल्लंघन पकड़ने की गति बढ़ाएगी, फील्ड वेरिफिकेशन में लगने वाला समय घटाएगी और जांच प्रक्रिया को तेज़ बनाएगी।




