अक्सर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहने वाले एनआरआई (NRI) यही सोचते हैं कि उन्हें भारत में प्रॉपर्टी लेनी चाहिए या UAE में लेना चाहिए। भावनात्मक रूप से लोग भारत की ओर झुकते हैं वहीं परिवार है, वहीं बचपन बीता है। लेकिन पैसों की समझ और कमाई का गणित UAE को एक बेहतर निवेश विकल्प बनाता है।
UAE: एक मजबूत और लाभदायक विकल्प
UAE में रियल एस्टेट सिर्फ खूबसूरत इमारतों और समुद्र के किनारे फ्लैट तक सीमित नहीं है। यहां 5% से 11% तक की रेंटल इनकम मिलती है वो भी ट्रैक्स फ्री। उदाहरण के लिए दुबई में Dh2.15 मिलियन (₹5 करोड़) की प्रॉपर्टी पर हर साल Dh170,000–200,000 (₹40–50 लाख) का किराया मिल सकता है। लोन रेट सिर्फ 5%, यानी आपकी इनकम, ईएमआई से ज़्यादा हो सकती है जिससे हर महीने बचत होती है। कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं, कैपिटल गेन टैक्स नहीं, और इनहेरिटेंस टैक्स भी नहीं।
भारत: भावनात्मक जुड़ाव, पर सीमित लाभ
मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में 2024 में 30% तक प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ीं, लेकिन अब डिमांड थोड़ी धीमी हो रही है। भारत में रेंटल यील्ड सिर्फ 2–4%, लोन दरें 9–11% तक, EMI अधिक, बचत कम ऊपर से प्रॉपर्टी टैक्स, मेंटेनेंस, सोसाइटी चार्जेस आदि कई बार प्रोजेक्ट में देरी, ज़मीन विवाद या कानूनी पचड़े निवेशकों को परेशान कर सकते हैं।
कौन कहां निवेश करे?
लक्ष्य सही जगह
मासिक इनकम और कैश फ्लो चाहिए? UAE
भविष्य में खुद रहने या परिवार के लिए घर चाहिए? भारत
टैक्स फ्री इनकम चाहिए? UAE
भावनात्मक जुड़ाव या रिटायरमेंट प्लान? भारत
जल्द खरीद-बिक्री करना आसान हो UAE (हाई लिक्विडिटी)
अगर आप निवेश को एक प्रॉफिट वाले बिज़नेस की तरह देख रहे हैं, तो UAE की प्रॉपर्टी 2025 में सबसे मजबूत है। यहां पर टैक्स फ्री इनकम, कम EMI, और तेजी से बढ़ता मार्केट है। लेकिन अगर आप भारत से जुड़े रहना चाहते हैं, या भविष्य में लौटने का सोच रहे हैं, तो भारत के टियर 1 या उभरते हुए टियर 2 शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना समझदारी हो सकती है।




