आज के कारोबार में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिर गया. सबसे ज्यादा नुकसान आईटी कंपनियों को हुआ है. कारोबार की शुरुआत ही आज बड़ी गिरावट के साथ हुई थी, लेकिन बाद में बाजार ने सुधार किया. आखिरी कुछ घंटे में निवेशक मुनाफावसूली पर उतर आए सेंसेक्स 843.79 अंकों (1.46 फीसदी) की गिरावट के साथ 57,147.32 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 275.00 अंकों टूटकर 16,966 पर पहुंच गया.
बड़ी गिरावट के कारण आज निवेशकों की पूंजी 4,16,431 करोड़ रुपये घट गई. पिछले कारोबारी सत्र में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,74,27,706.89 करोड़ रुपये था, जो आज घटकर 2,70,11,275.45 करोड़ रुपये रह गया है. इस तरह, निवेशकों को एक ही दिन में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा.
क्या हैं गिरावट के पांच बड़े कारण
1- विदेशी निवेशकों ने इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली की है. एफआईआई के मुनाफावसूली की वजह से ही बाजार को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा.
2- रूस के यूक्रेन पर ताजा हमले के बाद यूएन की ओर से बैठक बुलाई जा रही है. इससे ग्लोबल लेवल पर भू-राजनैतिक संकट और बढ़ गया और निवेशकों में संशय की स्थिति पैदा हुई.
3- महंगाई के आंकड़े 12 अक्तूबर को जारी होने हैं और उससे पहले निवेशक पूरी सतर्कता बरत रहे हैं.
4- मंदी की आहट के कारण दुनियाभर के शेयर बाजार सहमे हैं और यही कारण है कि भारतीय निवेशकों का सेंटिमेंट भी निगेटिव हो गया है.
5- डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही गिरावट के कारण आरबीआई डॉलर की बिक्री करने वाला है. इसका असर सिक्योरिट मार्केट पर पड़ेगा जो शेयर बाजार को प्रभावित कर रहा है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निवेशकों को इस समय इक्विटी बाजार में जोखिम दिख रहा है. ग्लोबल लेवल पर जियोपॉलिटिकल संकट बढ़ने की वजह से उनके मन में दोबारा सप्लाई चेन बाधित होने का डर उठने लगा है. हालांकि, इस समय विदेशी निवेशक बिकवाली के मामले में ज्यादा उग्र दिख रहे हैं.
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने बताया कि पिछले कुछ समय से भारतीय बाजार आउटपरफॉर्म कर रहा है और जैसे ही विदेशी निवेशकों ने अपनी पूंजी खींची, बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा. इस समय करेंसी रिस्क और भू-राजैनिक संकट की वजह से निवेशकों के सामने कई मुश्किलें आ रही हैं. आईटी सेक्टर लगातार दबाव में हैं और मंदी की बात चलने के बाद से ही इसमें गिरावट दिख रही है.