Why Share Market Down Today. भारतीय शेयर बाजार शुरुआत के साथ हैं दबाव में खुला और देखते ही देखते लगभग खबर लिखे जाने तक 1% के आसपास गिर चुका है. काफी बड़ी गिरावट Reliance के शेयर में देखने को मिली है जो कि लगभग 1.45% तक का है. आइए विशेष रूप से जानते हैं कि भारतीय बाजार क्यों आज लगातार गिर रहा है.
भारतीय शेयर बाजार आज खतरनाक गिरावट का सामना कर रहा है, और निवेशक तेजी से चिंतित हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और उनके निवेश के लिए इसका क्या अर्थ हो सकता है।
यह समझने के लिए कि भारतीय शेयर बाजार आज क्यों गिर रहा है, यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह एक अल्पकालिक घटना नहीं है, बल्कि एक बड़ी प्रवृत्ति का हिस्सा है। पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में तेज गिरावट के साथ भारतीय बाजार अप्रैल से धीरे-धीरे गिरावट का सामना कर रहा है।
मौजूदा मंदी का प्राथमिक कारण वैश्विक आर्थिक मंदी है, और इसके परिणामस्वरूप निवेशकों के विश्वास में कमी आई है। जैसे-जैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था संकुचन और अनिश्चितता की अवधि में प्रवेश कर रही है, निवेशक अधिक जोखिम-प्रतिकूल होते जा रहे हैं और भारतीय शेयर बाजार में अपने जोखिम को कम कर रहे हैं। इक्विटी की यह घटी हुई मांग भारत में गिरते शेयर की कीमतों में एक प्रमुख कारक रही है।
इसके अलावा, कमजोर रुपये का भारतीय शेयर बाजार पर खासा असर पड़ा है। जैसे ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आती है, यह भारतीय आयात की लागत को बढ़ाता है और भारतीय बाजार की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम करता है। इससे विदेशी निवेश में भारी गिरावट आई है और शेयर की कीमतों में कमी आई है।
अंतत: भारत सरकार की नीतियों का भी प्रभाव पड़ा है। विदेशी निवेशकों पर कर की दर बढ़ाने के सरकार के फैसले से भारतीय बाजार में उनकी रुचि में कमी आई है। इसके अलावा, कॉर्पोरेट टैक्स दरों को कम करने और सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए सरकार के हालिया कदमों ने निवेशकों को भारतीय बाजार को कम आकर्षक के रूप में देखा है और मौजूदा मंदी में योगदान दिया है।
वैश्विक दबाव.
दुनिया भर के शेयर बाजार में हुए गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रह पाया और मंदी की आहट के वजह से शेयर बाजार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है. हालांकि कई विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय बाजार अन्य बाजारों के मुकाबले ज्यादा बढ़िया स्थिति में अभी खड़ा है.
अमेरिकी फेड ब्याज दरें
अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी लंबे समय तक जारी रखने के आहट के वजह से भारतीय बाजार ने गिरावट का रुख़ सुबह से ही ले रखा हैं. बढ़ो हुई ब्याज दरों के के वजह से निवेशक सरकारी बॉण्ड, कॉर्पोरेट बॉण्ड, फिक्स्ड डिपाजिट के तरफ़ रुख़ करते हैं और अबाजार टूटता हैं.