यूएई और सऊदी अरब में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो मजबूत एआई ट्रेनिंग पाने और भविष्य की तैयारी के लिए कम वेतन वाली नौकरी स्वीकार करने को तैयार हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यूएई के 67% और सऊदी अरब के 70% लोग कम वेतन पर भी नौकरी करना चाहेंगे, अगर उन्हें उसमें AI ट्रेनिंग मिलती है। इसकी तुलना में दुनियाभर में ऐसा सोचने वालों की संख्या सिर्फ 41% है। यह सर्वे 18 देशों के 16,000 से ज्यादा प्रोफेशनल्स पर किया गया था।
ओलिवर वायमैन के ‘Quotient–AI’ विभाग के प्रमुख जाद हद्दाद (Jad Haddad) ने कहा यूएई और सऊदी के कर्मचारी अपने भविष्य में खुद निवेश कर रहे हैं। उनका तुरंत पैसा छोड़कर एआई स्किल्स सीखने का निर्णय बलिदान नहीं, बल्कि दूरदर्शिता है। अगर कंपनियां इस जोश का साथ दें और उन्हें अच्छी ट्रेनिंग और भरोसेमंद टूल्स दें, तो यह आगे चलकर ज्यादा प्रोडक्टिविटी और ग्रोथ में बदल सकता है।
UAE और सऊदी पेशेवरों के लिए AI क्यों जरूरी होता जा रहा है
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UAE और सऊदी में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो काम में कभी AI का इस्तेमाल नहीं करते:
UAE में केवल 7% और सऊदी में 6% लोग ही AI का बिल्कुल उपयोग नहीं करते, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 23% है। -
AI को सहकर्मी के रूप में अपनाने में भी वे आगे हैं:
सिर्फ 7% (UAE) और 5% (सऊदी) कर्मचारी AI के साथ काम करने से हिचकिचाते हैं, जबकि दुनियाभर में यह संख्या 21% है। -
नौकरी की सुरक्षा को लेकर भी वे ज्यादा जागरूक हैं:
UAE में सिर्फ 6% और सऊदी में 5% लोग मानते हैं कि AI से उनकी नौकरी पर कोई असर नहीं होगा, जबकि दुनियाभर में 17% लोग ऐसा सोचते हैं।
AI को लेकर व्यावहारिक सोच
AI को अपनाने के बावजूद, UAE और सऊदी के लोग इसके इस्तेमाल को लेकर समझदारी भी दिखाते हैं
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35% UAE और 36% सऊदी पेशेवरों का मानना है कि AI का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सीमित होना चाहिए, जबकि दुनियाभर में ऐसा मानने वालों की संख्या सिर्फ 26% है।
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61% (UAE) और 62% (सऊदी) लोग पूरी तरह से ऑटोमेशन (automation) को सपोर्ट करेंगे, अगर इसके साथ “यूनिवर्सल बेसिक इनकम” (सभी को एक निश्चित आमदनी) दी जाए। दुनियाभर में यह आंकड़ा केवल 40% है।




