इटली के प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल पोम्पेई से पत्थरों को चुराने वाली एक महिला ने कई सालों बाद उन्हें वापस कर दिया है, इस दावे के साथ कि ये पत्थर ‘शापित’ हैं। अपने इस अनोखे कदम के पीछे महिला ने जिस अनुभव का वर्णन किया, वह वास्तव में चौकानें वाला है। उसका कहना है कि उन पत्थरों को ले जाने के बाद से उसके जीवन में कई नकारात्मक घटनाएँ घटी हैं।
पोम्पेई, जो कि 79 ईस्वी में माउंट वेसुवियस के ज्वालामुखी विस्फोट से नष्ट हो गया था, आज अपने अच्छी तरह संरक्षित खंडहरों के लिए दुनिया भर में विख्यात है। यहाँ की हर चीज इतिहास से संवाद करती है और पर्यटकों को इस संस्कृति का हिस्सा बनने का मौका देती है।
महिला ने इस घटना से सबक लेते हुए पत्थरों को वापस करने का निर्णय लिया और यह भी आशा व्यक्त की है कि इससे उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। पुरात्तव विभाग ने भी महिला के इस कदम की प्रशंसा की है और अन्य पर्यटकों को भी ऐतिहासिक सामग्री का सम्मान करने की सलाह दी है।
इस घटना ने ना सिर्फ पत्थरों के शापित होने के मिथक को जीवंत किया है, बल्कि यह भी रेखांकित करता है कि पुरावशेषों को उनके मूल स्थान से अवैध रूप से हटाना नैतिक एवं कानूनी रूप से गलत है। इस कथा ने पर्यटन और स्थानीय सांस्कृतिक समृद्धि के बीच संतुलन स्थापित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला है।