पिछले करीब ढाई महीने में जोमैटो (Zomato) के शेयर 62 पर्सेंट चढ़ गए हैं। कंपनी के शेयर इस साल 27 जुलाई को 40.55 रुपये के स्तर पर थे, जो कि 11 अक्टूबर को बीएसई में 65.60 रुपये के स्तर पर बंद हुए हैं।
एनालिस्ट्स का कहना है कि जोमैटो के शेयरों में 91 पर्सेंट तक की तेजी आ सकती है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि सितंबर क्वॉर्टर में तिमाही और सालाना आधार पर जोमैटो का घाटा कम हो सकता है। जोमैटो (Zomato) के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 169.10 रुपये है।
सितंबर तिमाही में 150 करोड़ रुपये के करीब रह सकता है घाटा
एनालिस्ट्स का कहना है कि फूड डिलीवरी बिजनेस मार्जिन के हायर कंट्रीब्यूशन और बेहतर रेवेन्यू मिक्स के कारण इबिट्डा लॉस में कमी आनी चाहिए। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि सितंबर 2022 तिमाही में जोमैटो का घाटा 149.20 करोड़ रुपये रह सकता है, जो कि जून 2022 तिमाही में 185.70 करोड़ रुपये और एक साल पहले की समान अवधि में 435.10 करोड़ रुपये था। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि जोमैटो की सेल्स 48.2 पर्सेंट बढ़कर 1517.90 करोड़ रुपये रह सकती है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 1024.20 करोड़ रुपये थी। यह बात बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट में कही गई है।
ब्रोकरेज हाउसेज ने दिया 125 रुपये तक का टारगेट
जोमैटो ने अगस्त में Blinkit का अधिग्रहण पूरा किया है। ब्रोकरेज हाउस एडलवाइस का मानना है कि सितंबर तिमाही में जोमैटो का कोर लॉस 165.20 करोड़ रुपये रह सकता है। कंपनी का तिमाही रेवेन्यू 50 पर्सेंट उछाल के साथ 1538 करोड़ रुपये पहुंच सकता है। जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि सितंबर तिमाही में जोमैटो का लॉस 151.40 करोड़ रुपये रह सकता है। जेएम फाइनेंशियल ने जोमैटो के शेयरों को 125 रुपये का टारगेट दिया है। कोटक को जोमटो की फेयर वैल्यू 90 रुपये लगती है। वहीं, एडलवाइस ने जोमैटो की वैल्यू 80 रुपये लगाई है। ICICI डायरेक्ट ने 28 सितंबर को जोमैटो का कवरेज शुरू किया है और 90 रुपये का टारगेट दिया है।