मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड पर डुमरा-परसौनी बायपास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है और पूर्व मध्य रेल के सीटीपीएम के आदेश पर सर्वे शुरू हो गया है। समस्तीपुर रेलमंडल के सुपरवाइजर स्तर के अधिकारियों की टीम संयुक्त रूप से यह सर्वे कर रही है। यह बायपास करीब सात किलोमीटर लंबी होगी।
मुख्य विकास यह है कि बायपास बनने पर मालगाड़ियां डुमरा से सीधे परसौनी होते हुए दरभंगा की ओर निकल सकेंगी और सीतामढ़ी स्टेशन पर माल ट्रेन घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। फिलहाल प्लेटफार्म कम होने की वजह से मालगाड़ियों के घूमने से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ता है और इंजन बदलने में भी समय लगता है। परसौनी, बाजपट्टी और जनकपुर रोड होते हुए दरभंगा का रुट प्रस्ताव में शामिल है।
सार्वजनिक प्रभाव यह होगा कि सीतामढ़ी स्टेशन पर ट्रेनों की भीड़ कम होगी और परिचालन में सुधार होने से समय का पालन बेहतर होगा। साथ ही समस्तीपुर मंडल ने मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी सेक्शन के 58.740 किलोमीटर दोहरीकरण का टेंडर जारी कर दिया है जिसकी अनुमानित लागत 635.39 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से रामायण, बुद्ध और शिव सर्किट का रेल संपर्क भी मजबूत होने की उम्मीद जताई गई है।
वर्क के व्यावहारिक तथ्य यह हैं: अधिकारी इसका नक्शा तैयार कर चुके हैं और सर्वे रिपोर्ट के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ होगी। मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी के बीच आने वाले स्टेशन हैं—मुजफ्फरपुर, जुब्बा सहनी, ताराजीवर, परमजीवर, रुन्नीसैदपुर, गड़हा, डूमरा, भीसा हाल्ट और सीतामढ़ी। कार्यों में मिट्टी का काम, ब्लैकेंटिंग, छोटे पुलों का निर्माण, स्टेशन व प्लेटफार्म व लेवल क्रॉसिंग शामिल हैं।
अभी अगले कदमों में सर्वे पूरा होना और उसकी रिपोर्ट के बाद जमीन अधिग्रहण व निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू करना है। बायपास बनने पर मालगाड़ियां सीधे निकल जाएंगी जिससे सीतामढ़ी पर मेल-एक्सप्रेस का दबाव कम होगा और परिचालन सुगम होने पर यात्री समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच पाएँगे।
- डुमरा-परसौनी सात किलोमीटर बायपास का प्रस्ताव और सर्वे चल रहा है।
- बायपास से मालगाड़ियां सीधे परसौनी होते हुए दरभंगा जाएंगी।
- सीतामढ़ी स्टेशन पर ट्रेनों की भीड़ और परिचालन समस्या कम होगी।
- मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी 58.740 किमी दोहरीकरण का टेंडर 635.39 करोड़ पर जारी।
- नक्शा तैयार है; सर्वे के बाद जमीन अधिग्रहण व निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।



