बाजार नियामक SEBI बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA) की सीमा 10 लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक, चार लाख रुपए तक कोई भी डीमैट शुल्क नहीं लगेगा। इसके बाद 10 लाख रुपए तक 100 रुपये वसूला जा सकता है। SEBI ने 26 जून तक राय देने का समय दिया है जिसके बाद अंतिम सर्कुलर आएगा। गौरतलब है कि वित्तीय समावेशन यानी लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 में BSDA की शुरुआत हुई थी।
ग्राहक के खाते में सीधे भुगतान अनिवार्य
SEBI ने बुधवार को ग्राहकों के खाते में प्रतिभूतियों के सीधे भुगतान की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया। परिचालन दक्षता बढ़ाने और ग्राहकों की प्रतिभूतियों के जोखिम को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक परिपत्र में कहा कि यह 14 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
वर्तमान समाशोधन प्रक्रिया
वर्तमान में, समाशोधन निगम प्रतिभूतियों के भुगतान को ब्रोकर के खाते में जमा करता है। उसके बाद इसे संबंधित ग्राहक के डीमैट खातों में जमा किया जाता है। SEBI ने शेयर बाजारों, समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद फैसला किया है, भुगतान के लिए प्रतिभूतियां समाशोधन निगम सीधे संबंधित ग्राहक के डीमैट खाते में जमा करेगा।
बीएसडीए की सीमा में बढ़ोतरी
BSDA में दो लाख रुपये मूल्य तक की ऋण प्रतिभूतियां रखी जा सकती है। इसके अलावा दो लाख रुपये मूल्य की अन्य प्रतिभूतियां भी इस खाते में रखी जा सकती हैं। अब SEBI ने इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की योजना बनाई है।