अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और किसी ग्रामीण बैंक (RRB) से जुड़े हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। 1 मई 2025 से देश के 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का मर्जर होने वाला है। इसके बाद हर राज्य में सिर्फ एक ही RRB होगा। इसे सरकार की “एक राज्य – एक RRB” नीति कहा जा रहा है।
🔄 क्यों किया जा रहा है ये बदलाव?
सरकार का उद्देश्य है कि बैंकों का संचालन अधिक मजबूत, सुसंगठित और दक्ष बनाया जाए। इससे ग्राहकों को एक जैसी सेवाएं, बेहतर बैंकिंग एक्सपीरियंस और कमजोर RRBs को मजबूती मिल सकेगी।
📍 किन राज्यों में होगा RRB का विलय?
कुल 11 राज्यों में यह बदलाव लागू होगा:
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आंध्र प्रदेश
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उत्तर प्रदेश
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पश्चिम बंगाल
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बिहार
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गुजरात
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जम्मू-कश्मीर
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कर्नाटक
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मध्य प्रदेश
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महाराष्ट्र
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ओडिशा
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राजस्थान

🏦 किस बैंक का किसमें होगा मर्जर?
कुछ प्रमुख मर्जर इस प्रकार हैं:
| राज्य | पुराने बैंक | नया बैंक |
|---|---|---|
| आंध्र प्रदेश | चैतन्य गोदावरी, सप्तगिरि, आंध्र प्रगति, आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक | आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक |
| उत्तर प्रदेश | बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक | उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक |
| पश्चिम बंगाल | बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग, उत्तरबंग RRB | पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक |
| बिहार | दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक | बिहार ग्रामीण बैंक |
| गुजरात | बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक, सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक | गुजरात ग्रामीण बैंक |
🧾 सरकार की तैयारी और पूंजी निवेश
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इन RRBs के पास ₹2,000 करोड़ की अधिकृत पूंजी होगी।
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सरकार पहले ही इनमें 5,445 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर चुकी है।
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FY 2023-24 में RRBs ने ₹7,571 करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है।
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इन बैंकों का Capital Adequacy Ratio (CAR) भी 14.2% रहा, जो बेहतरीन माना जाता है।
⚠️ आम लोगों को क्या फर्क पड़ेगा?
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एक ही राज्य में एक ही RRB होने से क्लियर ब्रांडिंग, सिंगल अकाउंट नेटवर्क और तेज फैसले लिए जा सकेंगे।
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ग्राहकों को बैंक ब्रांच बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बस नाम बदल सकता है।
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बैंकिंग सेवाएं पहले से ज्यादा स्टेबल और डिजिटल फ्रेंडली होंगी।
अगर आपका खाता इन बैंकों में है, तो घबराएं नहीं। बदलाव सिर्फ संगठनात्मक है, आपकी जमा राशि, खाता नंबर, सेवाएं और कस्टमर सपोर्ट जैसे के तैसे रहेंगे।




