सऊदी अरब सरकार ने उमराह यात्रियों के लिए एक अहम और सख्त ऐलान किया है। भारत, पाकिस्तान समेत 14 देशों पर हाल में अस्थायी वीज़ा बैन लगाने के बाद अब हज और उमराह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि उमराह वीज़ा धारकों को 29 अप्रैल 2025 तक सऊदी अरब छोड़ना अनिवार्य होगा।
अगर कोई श्रद्धालु इस तारीख के बाद भी सऊदी अरब में रुका रहता है, तो उस पर 100,000 सऊदी रियाल (लगभग ₹22.94 लाख) तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
🕋 उमराह का अंतिम दिन – 29 अप्रैल
सऊदी हज मंत्रालय के अनुसार:
“13 अप्रैल उमराह के लिए सऊदी अरब में प्रवेश की अंतिम तारीख है और 29 अप्रैल को तीर्थयात्रा की मियाद खत्म हो जाएगी।”
29 अप्रैल के बाद अगर कोई उमराह यात्री सऊदी अरब में पाया जाता है, तो उसे नियमों का उल्लंघन करने वाला माना जाएगा। इसके चलते यात्रियों, सर्विस प्रोवाइडरों और ट्रैवल कंपनियों पर भारी जुर्माना और पेनल्टी लगाई जा सकती है।

❌ अब तक 18,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां
सऊदी अरब ने हाल ही में 18,407 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जो वीजा खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से देश में रह रहे थे। इनमें कई पर प्रवासन, श्रम और सीमा सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का आरोप है। इन पर 15 साल की जेल, ₹2.3 करोड़ तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
⚠️ कंपनियों और एजेंसियों को भी चेतावनी
सऊदी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि:
“जिन एजेंसियों ने उमराह या हज तीर्थयात्रियों की जिम्मेदारी ली है, अगर वे समय पर उनकी वापसी सुनिश्चित नहीं करतीं, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई होगी।”
🕋 क्यों लिया गया ये फैसला?
पिछले साल मक्का में भीड़ और भगदड़ के चलते करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी। इससे सऊदी अरब की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धक्का लगा था।
हज यात्रा 4 जून 2025 से शुरू हो रही है, और उसी की तैयारी में सऊदी अरब ने यह सख्त फैसला लिया है ताकि अवैध भीड़ को रोका जा सके।




