अदन की खाड़ी में जहाज डूबने के बाद से 10 से ज्यादा महीने से यमन में फंसे रहे 14 भारतीय नाविक शनिवार को दुबई से विमान के जरिए भारत रवाना हुए। जिबूती में भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि यमन में स्थानीय हूती बल ने 14 फरवरी, 2020 को 14 नाविकों को पकड़ लिया था।
बयान में बताया गया कि भारतीय दूतावास, जिबूती को निरंतर और कठिन प्रयासों के बाद के सना स्थित अपने कार्यालय के जरिए 28 नवंबर को उन्हें छुड़ाने में सफलता मिली। दूतावास के अनुसार, फंसे हुए भारतीयों का पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज और उनका सामान खो गया था। उसने सभी समुद्री और अन्य प्राधिकारियों से भी अपील की कि वे उनकी स्थिति का संज्ञान लें और उनका सहयोग करें।
जिन नाविकों को रिहा कराया गया है, उनकी पहचान
- मोहनराज थानीगाचलम,
- विलियम निकमडेन,
- अहमद अब्दुल गफूर वाकणकर,
- फैरुज नसरुद्दीन जारी,
- संदीप बालू लोहार,
- नीलेश धनराज लोहार,
- हिरोन एसके,
- दाऊद महमूद जिवराक,
- चेतन हरि चंद्र गावस,
- तन्मय राजेंद्र माने,
- संजीव कुमार,
- मणिराज मरियप्पन,
- प्रवीण थम्माकरणताविदा और
- अब्दुल वहाब मुस्तबा के रूप में की गई है।
दुबई में भारतीय दूतावास ने इन नाविकों के यहां पहुंचने की पुष्टि की। खाड़ी महाराष्ट्र व्यापार मंच (जीएमबीएफ) के चंद्रशेखर भाटिया ने कहा कि भारतीय नागरिकों ने शनिवार रात को दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मुंबई के लिए उड़ान भरी।
भाटिया ने जीएमबीएफ के वैश्विक अध्यक्ष सुनील मांजेरकर के हस्ताक्षर वाला पत्र भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने नाविकों की रिहाई सुनिश्चित करने वाली सरकार और अधिकारियों को धन्यवाद दिया। भाटिया ने एक अन्य नोट साझा किया, जिसमें नाविकों ने दावा किया है कि उन्हें पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने उनके ओमानी नियोक्ता और ओमान में भारतीय दूतावास से नाविकों के वेतन जारी किए जाने अपील की।GulfHindi.com