दुबई नागरिकता और आव्रजन अभियोजन विभाग (Dubai Citizenship and Residency Prosecution) ने दुबई नागरिकता और निवास अदालत (Dubai Citizenship and Residency Court) से एक बड़े वीज़ा धोखाधड़ी मामले में 21 आरोपियों को दोषी ठहरवाते हुए कुल Dh25.21 मिलियन का जुर्माना लगवाया है.
ये मामला यूएई के वीजा फ्रॉड मामलों में सबसे बड़ा मामला था. इसमें कई देशों के नागरिक शामिल थे. इन व्यक्तियों ने रिहायशी वीज़ा का अवैध उपयोग करते हुए लोगों का शोषण किया. आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी कंपनियों (phantom companies) के जरिए लोगों को नौकरी के बहाने UAE बुलाया. फिर वे कंपनियां अचानक बंद कर दी जाती थीं, बिना किसी वैध वर्क स्टेटस के अपडेट के, जिससे प्रवासी श्रमिकों की कानूनी स्थिति संकट में पड़ जाती थी.
कंपनियों का कोई अस्तित्व नहीं
वरिष्ठ अधिवक्ता और नागरिकता व निवास अभियोजन प्रमुख, काउंसलर डॉ. अली हुमैद बिन खातेम ने जानकारी दी कि यह मामला जनरल डायरेक्टरेट ऑफ रेसिडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स, दुबई द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों और कंपनियों की पहचान किए जाने के बाद लोक अभियोजन विभाग द्वारा जांच के लिए लिया गया था. उन्होंने कहा कि जनरल डायरेक्टरेट ने जिन व्यक्तियों और फर्जी कंपनियों को चिन्हित किया, उनके खिलाफ जांच शुरू की गई और गहराई से छानबीन के बाद अदालत में ठोस सबूतों के आधार पर मामला प्रस्तुत किया गया.
जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि ये कंपनियां वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थीं — उन्हें केवल गुप्त और अवैध तरीके से रेजिडेंस वीज़ा हासिल करने के उद्देश्य से कागज़ों पर स्थापित किया गया था.
यह भी पाया गया कि:
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इन “कंपनियों” के कोई ऑफिस नहीं थे,
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ना ही उनका कोई वास्तविक व्यावसायिक संचालन था,
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वे केवल वीज़ा जारी करवाने के लिए कानूनी ढांचे का दुरुपयोग कर रही थीं.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
गिरफ्तारी के बाद, सभी आरोपियों को नागरिकता और निवास अभियोजन विभाग (Citizenship and Residency Prosecution) के समक्ष पेश किया गया, जहां एक विस्तृत और गहन जांच की गई. अभियोजन पक्ष ने सभी आवश्यक सबूत इकट्ठा कर अदालत में पेश किए, जिसके बाद यह मामला दुबई नागरिकता और निवास अदालत (Dubai Citizenship and Residency Court) में सुनवाई के लिए पहुंचा.
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जांच के दौरान 33 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (commercial establishments) की पहचान की गई,
जिन्हें केवल रेजिडेंसी वीज़ा प्राप्त करने और उनका दुरुपयोग करने के लिए “ढाल” (decoy) के रूप में इस्तेमाल किया गया था. -
इन 33 इकाइयों के जरिए कुल 385 रेजिडेंसी वीज़ा अवैध रूप से प्राप्त किए गए थे.
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यह भी पाया गया कि इन फर्जी कंपनियों के लाइसेंस फर्जी पतों (fictitious addresses) के ज़रिए प्राप्त किए गए थे —
जो स्पष्ट रूप से इस बात को दर्शाता है कि यह एक पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश थी,
जिसका उद्देश्य निवास और श्रम नियमों का उल्लंघन कर आर्थिक लाभ उठाना था.




