5G सेवाओं के उपयोग को लेकर भारतीय डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन ने नया आदेश पारित करते हुए रिलायंस जिओ और एयरटेल को कहा है कि वह तुरंत अपने 5G सेवाओं को एयरपोर्ट से दूरी पर लेकर जाए. एयरपोर्ट की 2.1 किमी दायरे में किसी भी प्रकार की 5G बेस स्टेशन नहीं लगाने होंगे.
रिलायंस जियो और एयरटेल ने देश के कई शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं। हालांकि ऐसा डर है कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा उपयोग किए जा रहे 5जी बैंड से हवाई जहाजों में नेविगेशन उपकरण प्रभावित हो सकते हैं। यही वजह है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट के पास के इलाके में 5जी सेवाओं के लिए बेस स्टेशन स्थापित नहीं करने को कहा है।
डीजीसीए ने दूरसंचार कंपनियों से रनवे के दोनों छोर से 2.1 किलोमीटर के दायरे में कोई 5जी बेस स्टेशन नहीं लगाने को कहा है। डीजीसीए ने कंपनियों को बफर जोन से 540 मीटर के दायरे में आने वाले सभी बेस स्टेशनों की पावर कम करने को कहा है। डीजीसीए और मंत्रालय के निर्देश के पीछे मुख्य वजह रेडियो अल्टीमीटर और जीपीएस है।
ऐसा संभावना है कि नेटवर्क इंटरफ़ेरेंस के वजह से कम्युनिकेशन रेडियो में दिक़्क़त आ सकती है जिसकी वजह से फ़्लाइट कम्युनिकेशन और एयरपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोलर के कम्युनिकेशन में समस्याएँ पैदा हो सकती हैं और ज़रूरी जानकारी पायलट और एयरपोर्ट के बीच में आदान प्रदान करने में परेशानी हो गए हो सकती है.