केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को लेकर संसद में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, आगामी वेतन संशोधन का सीधा असर 50.14 लाख कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 69 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा। यानी कुल मिलाकर लगभग 1.2 करोड़ लोग इस वेतन आयोग के दायरे में आएंगे।
ToR जारी, आयोग आधिकारिक रूप से कार्यरत
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 8वें वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है और इसके Terms of Reference (ToR) को 3 नवंबर 2025 को अधिसूचित किया गया। आयोग को केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए—
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संशोधित वेतन मैट्रिक्स
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भत्ते
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पेंशन संरचना
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अन्य सेवा–शुल्क संबंधी प्रावधान
का विस्तृत परीक्षण एवं अनुशंसा करने का दायित्व दिया गया है।
18 महीने में रिपोर्ट, लागू करने का निर्णय बाद में
वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट 18 महीने के भीतर प्रस्तुत करेगा। इसका अर्थ यह हुआ कि अंतिम रिपोर्ट साल 2027 के आसपास सामने आ सकती है। हालांकि, इसे लागू करने की तिथि का निर्णय केंद्र सरकार समय आने पर अलग से करेगी।

अंतरिम राहत पर सरकार ने नहीं खोला पत्ता
संसद में कई सांसदों ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार:
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अंतरिम राहत (Interim Relief) देगी?
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या महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में शामिल कर देगी?
इस पर सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की। मंत्रालय ने इतना जरूर कहा कि सिफारिशें अंतिम होने के बाद आवश्यक बजटीय प्रावधान किए जाएंगे। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार अभी किसी भी तरह के पूर्वानुमान से बचना चाहती है।
कर्मचारियों–पेंशनरों में बढ़ी उम्मीदें
8वें वेतन आयोग से जुड़े इस बड़े अपडेट ने उन 1.2 करोड़ लोगों को राहत दी है, जो लंबे समय से वेतन संशोधन और पेंशन पुनर्गठन से जुड़ी खबरों का इंतज़ार कर रहे हैं। कोरोना काल के बाद आर्थिक सुधार, महंगाई और लगातार बढ़ते वित्तीय बोझ के बीच वेतन आयोग की सिफारिशों का असर न केवल कर्मचारियों और पेंशनरों पर पड़ेगा, बल्कि सरकारी व्यय पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
सरकार की ओर से मिले इस ताज़ा स्पष्टीकरण से यह स्पष्ट है कि 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया औपचारिक रूप से गति पकड़ चुकी है, और इसके नतीजों को लेकर देशभर में उत्सुकता लगातार बढ़ रही है।



