अमेरिका ने कहा है कि भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम (यूपीआई) सिंगापुर और यूएई समेत अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय रिश्ते बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए अमेरिकी वित्त अवर मंत्री जे. शमबॉ ने हार्वर्ड लॉ स्कूल में नई प्रौद्योगिकियों व सीमा पार भुगतान पर कहा कि आसियान देशों का समूह तेज भुगतान प्रणालियों को बहुपक्षीय रूप से जोड़ सकता है।
शमबॉ ने कहा कि पुरानी भुगतान प्रणालियों को उन्नत करने के लिए कई पहल पूर्व से ही जारी हैं। भुगतान सेवा प्रदाता, सिस्टम ऑपरेटर, बैंक और एफएमआई व्यक्तिगत या वित्तीय क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी प्रणाली को तेज, सस्ता, अधिक पारदर्शी, अधिक सुलभ तथा अधिक कुशल बनाने के लिए परिचालन सुधार में निवेश कर रहे हैं।
शमबॉ ने कहा, मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों वाले कुछ क्षेत्र आगे बढ़ रहे हैं और अपनी तेज भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, हर संदर्भ में, ‘जी-20 पेमेंट्स रोडमैप’ ने प्रयासों को ठोस, निकट अवधि की प्रगति के अवसरों की ओर मोड़ दिया है। उन्होंने कहा, जब इसे हासिल कर लिया जाता है, तो यह सभी प्रणालियों में भुगतान के त्वरित हस्तांतरण और निपटान को सक्षम बनाता है।
नई शुरुआत का मौका
अमेरिकी वित्त अवर मंत्री शमबॉ कहा, सैद्धांतिक रूप से, इस क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियां भुगतान प्रणालियों के लिए एक नई शुरुआत का मौका देती हैं। हालांकि वास्तविकता अधिक जटिल हो सकती है। उन्होंने कहा हम इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल विरासत प्रणाली की सभी लाभकारी सुविधाओं के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त सुविधाओं के साथ सीमा पार भुगतान प्रणालियों को डिजाइन करने के लिए भी कर सकते हैं। अतिरिक्त सुविधाओं में भुगतान शृंखला में लागत और संस्थानों की पारदर्शिता शामिल हो सकती है।