भारतीय आयकर विभाग ने किया नया बदलाव
भारत सरकार ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स TCS में बड़ा बदलाव किया है, आइये जानते है क्या होगा इसका आम जानता पर प्रभाव, सबसे पहले समझिए की ये TCS क्या है, यह एक ऐसा टैक्स है जो की विक्रेता द्वारा खरीदार से वस्तु या सेवा की बिक्री पर सरकार को दिया जाता है। विदेशी लेनदेन एवं वाहनों के ख़रीद पर लागू होगा नया TCS दर
विदेशी भुगतानों पर TCS: 20% दर से लागू होगी अधिक दर
आयकर कानूनों के अनुसार, विशेष सामान और सेवाओं के विक्रेता को निर्दिष्ट राशि से अधिक प्राप्त भुगतान पर कर जमा करना होता है, जिसे स्रोत पर कर जमा (TCS) कहा जाता है। 1 अक्टूबर, 2023 से, वित्तीय वर्ष में 7 लाख रुपये से अधिक विदेशी भुगतानों पर 20% की TCS दर लागू होगी।
मोटर वाहन खरीदने पर TCS की दर
मोटर वाहन खरीदने पर TCS की दर 1% है। हालांकि, यदि खरीदार विक्रेता को PAN प्रदान नहीं करता है, तो TCS की दर 20% होगी। अगर किसी व्यक्ति ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में अपना आयकर रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो 5% की दर पर TCS लागू हो सकता है।
किस प्रकार के मोटर वाहन पर TCS लागू होता है?
आयकर अधिनियम, 1961, में मोटर वाहन की परिभाषा नहीं दी गई है, जिस पर TCS लागू होगा। अधिनियम मोटर वाहन अधिनियम (MVA) के अनुसार परिभाषित शब्द ‘मोटर वाहन’ की परिभाषा पर निर्भर करता है। हालांकि, MVA एक विस्तृत श्रेणी के मोटर वाहनों को कवर करता है और आयकर अधिनियम उनमें से कुछ पर TCS लगाता है।
महत्वपूर्ण सूचना तालिका:
- विदेशी भुगतान पर TCS: 20%
- मोटर वाहन खरीद पर TCS: 1% (PAN उपलब्ध होने पर), 20% (अन्यथा)
- TCS की अधिक दर: पिछले दो वर्षों में ITR नहीं भरने पर 5%
- लागू होने वाली मोटर वाहन: आयकर अधिनियम द्वारा निर्धारित
सामान्य प्रश्न:
- TCS क्या है?
- यह वह कर है जो विक्रेता द्वारा खरीदार से वस्तु या सेवा की बिक्री पर जमा किया जाता है।
- विदेशी भुगतान पर TCS की दर क्या है?
- 7 लाख रुपये से अधिक विदेशी भुगतानों पर 20%।
- मोटर वाहन की खरीद पर TCS की दर क्या है?
- PAN उपलब्ध होने पर 1% और अन्यथा 20%।
- किस प्रकार के मोटर वाहन पर TCS लागू होता है?
- यह आयकर अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार निर्धारित होता है।