Credit Card UPI Problems. पहले जब हाथ में नगद रुपए होता था तब लोगों को पता होता था कि आज खर्च करने से पहले इस केस में से ही काम चलाना होगा अन्यथा कम पड़ने की स्थिति में दोबारा से एटीएम के चक्कर काटने पड़ जाते थे. लेकिन उस कैश कैसे की दिक्कत यह होती थी की हर जगह सुलभता में थोड़ी बहुत परेशानी आते रहती थी.
फिर जमाना शुरू हुआ डिजिटल पेमेंट और अपि एप्लीकेशन के जिसके बाद कैश रखने का झंझट भारत में लगभग समाप्त हो गया. लोग को इतने सहूलियत मिली कि ₹2 के पेमेंट हो या ₹200000 के दोनों एक चुटकी में होने लगे.
इस नए प्रकरण से खर्च घटा नहीं बल्कि और बड़ा है. लोगों को अब बाद में पता लग रहा है कि आसान पेमेंट होने के वजह से उनके खर्च बढ़ हैं.
अब इसमें एक और नया आयाम यह जुड़ गया है कि यूपीआई पेमेंट के लिए अब अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे ना हो तब भी क्रेडिट कार्ड से जोड़कर आप पेमेंट कर सकते हैं.
नई सुविधा लोगों के लिए काफी राहत देने वाली है लेकिन इसका दूसरा पहलुया है कि क्रेडिट कार्ड से लिए गए सारे खर्चे एक लोन के तौर पर होते हैं.
सुविधाजनक किए गए इस पेमेंट व्यवस्था के कारण लोगों के खर्चे में अब और तेजी से इजाफा होगा और अगर आपने हल्का सा भी कंट्रोल खाया तो अच्छे खासे ब्याज दर पर आपको क्रेडिट कार्ड के बिल चुकाने पड़ सकते हैं.
जरूरी यह है कि जब भी आप क्रेडिट कार्ड के उपयोग से यूपीआई का प्रयोग करें तब ध्यान रखें कि आप अपना पूरा पेमेंट बिल डेट से पहले जरूर कर लें. ऐसे नहीं करने की स्थिति में आपको भारी भरकम ब्याज और प्रोसेसिंग फीस दोनों देनी पड़ सकती है.
लुभाने के लिए क्रेडिट कार्ड यूपीआई सिस्टम को कुछ इस प्रकार अभी मार्केट में दौड़ी जा रहा है.
- कैशबैक और डिस्काउंट: यूपीआई एप से लिंक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर यूजर्स को कई कैशबैक, पॉइंट्स, रिवॉर्ड्स मिलते हैं।
- कर्ज का जाल: आकर्षक ऑफर्स के चक्कर में यूजर्स कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।
- बजट प्रबंधन: क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ध्यान रखते हुए बजट के अनुसार ही खर्च करना चाहिए।
- क्रेडिट कार्ड = कर्ज: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल संभलकर करने की जरूरत है, क्योंकि यह एक प्रकार का कर्ज है।
- अधिक खर्च का जोखिम: कभी-कभी अधिक खर्च से बिल का पेमेंट कर पाना मुश्किल हो जाता है।
- उच्च ब्याज दरें: क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरें 18-48% तक हो सकती हैं, और समय पर EMI ना चुकाने पर ब्याज बढ़ता जाता है