हम सभी विभिन्न अवसरों पर अपने दोस्तों, करीबी रिश्तेदारों को गिफ्ट देने की परंपरा का पालन करते हैं। हालांकि, कई लोगों को यह नहीं पता होता कि कुछ परिस्थितियों में गिफ्ट पर टैक्स देना पड़ सकता है। यह टैक्स गिफ्ट की कीमत और गिफ्ट देने वाले के साथ आपके संबंध पर निर्भर करता है।
टैक्स नहीं लगने वाले गिफ्ट्स
- सगे संबंधियों से गिफ्ट: यदि आपको आपके सगे संबंधी या करीबी रिश्तेदार (जैसे पति-पत्नी, भाई-बहन, माता-पिता और उनके भाई-बहन, दादा-दादी आदि) गिफ्ट देते हैं, तो इन पर कोई टैक्स नहीं लगता।
टैक्सेबल गिफ्ट्स
- दोस्तों और परिचितों से गिफ्ट: यदि आपके दोस्त या परिचित आपको 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य का गिफ्ट देते हैं (चाहे वह कैश हो, जमीन, मकान, शेयर, ज्वेलरी या कला की वस्तुएं), तो इसे आयकर रिटर्न में दिखाना जरूरी है और यह टैक्सेबल इनकम मानी जाती है।
विशेष नियम
- गिफ्ट लेन-देन के नियम: पति-पत्नी के बीच गिफ्ट लेन-देन पर टैक्स नहीं होता है क्योंकि यह इनकम क्लबिंग के दायरे में आती है।
- प्रॉपर्टी, शेयर, बॉन्ड, गाड़ी आदि: अगर ये सगे संबंधियों से मिले हों, तो टैक्स फ्री हैं। लेकिन दोस्तों या परिचितों से मिलने पर टैक्स लगता है।
- शादी के गिफ्ट्स: शादी पर मिलने वाले गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ्री होते हैं, वहीं एम्प्लॉयर से मिलने वाले गिफ्ट्स पर टैक्स लग सकता है।
- 50 हजार तक के गिफ्ट्स: दोस्तों या परिचितों से एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपए तक के गिफ्ट्स टैक्स फ्री माने जाते हैं। 50 हजार से ज्यादा होने पर टैक्स देना होता है।
- संपत्ति पर टैक्स: सगे संबंधियों से मिली संपत्ति पर कोई टैक्स नहीं होता है, लेकिन उस संपत्ति को बेचने पर टैक्स लगता है। वसीयत में मिली प्रॉपर्टी पर भी टैक्स नहीं लगता है, लेकिन बेचने पर टैक्स देना होता है।
आयकर नियमों के तहत गिफ्ट्स पर टैक्स के इन नियमों को जानना महत्वपूर्ण है ताकि आप आवश्यकता पड़ने पर सही ढंग से अपने आयकर रिटर्न की योजना बना सकें और अनावश्यक कर देनदारियों से बच सकें।