भारतीय रेलवे ने पिछले दस सालों में औसतन प्रति दिन 7.41 किलोमीटर की गति से नई रेलवे लाइनें तैयार की हैं। इनमें नई रेल लाइनें बनाने के साथ-साथ मौजूदा लाइनों का दोहरीकरण और तिहरीकरण, और छोटी लाइनों का बड़ी लाइनों में बदले जाने का काम शामिल है।
ऐसी जानकारी रेलवे विभाग ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत दी थी।
रेलवे ने बताया कि उन्होंने 2014-15 से 2023-24 के दौरान कुल 27057.7 किलोमीटर रेल की पटरियां बिछाईं।
RTI आवेदन करने वाले चंद्रशेखर गौड़ ने कहा, “मैंने इन आंकड़ों की गणना की तो पता चला कि पिछले दस सालों में प्रति दिन करीब 7.41 किलोमीटर की गति से पटरियां बिछाने का काम किया गया है।”
हाल ही में भारतीय रेलवे ने हर दिन लगभग 15 किलोमीटर की दर से नई पटरियां बिछाने का काम शुरू किया है, रेल मंत्री अश्वीनी वैष्णव ने इस बात की जानकारी दी।
रेल मंत्री ने बताया कि पिछले साल भारतीय रेलवे ने 5200 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई थी, जो स्विट्जरलैंड के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है। और इस साल रेलवे 5500 किलोमीटर और जोड़ रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि 2022-23 को भारतीय रेलवे के लिए भूतपूर्व वर्ष माना जा सकता है, क्योंकि इस वर्ष उन्होंने मात्र एक साल में 3901 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई, जो प्रति दिन 10.68 किलोमीटर की गति से करीब दस साल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
गौड़ ने कहा कि इस वर्ष कुल 2966 किलोमीटर पटरी बिछाई गई, जो पिछले साल के मुकाबले कम है।
उन्होंने अपनी बात को मजबूत करते हुए कहा कि पिछले दस सालों में प्रति दिन 1.32 किलोमीटर की गति से केवल 4838.47 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जा सकीं।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि नई रेल लाइनें बिछाने का काम अधिक होने से यह संकेत मिलता है कि नए क्षेत्र रेल नेटवर्क में शामिल हो रहे हैं, जबकि पुरानी पटरियों का दोहरीकरण या तिहरीकरण ट्रेन को समय पर पहुँचाने में सहायता करता है।