जल्द ही यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री नेशनल क्लेम एक्सचेंज पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी में है। यह पोर्टल एक सिंगल-विंडो इंटरफेस के रूप में काम करेगा। इसके माध्यम से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों, अस्पतालों और इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को एक प्लेटफार्म मिलेगा, जिससे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट आसान और तेज़ हो सकेगा।
सरकार का कहना है कि ये पोर्टल लॉन्च होते ही पूरे भारत में उपलब्ध होगा। शुरुआत में करीब 50 इंश्योरेंस कंपनियां और 250 अस्पताल इसे इस्तेमाल करने के लिए जोड़ दिए गए हैं, और समय के साथ-साथ और भी अस्पताल और इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स इससे जुड़ेंगे।
इस पोर्टल को राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत तैयार किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस पोर्टल के माध्यम से वो हर वो शिकायत हल कर पाएंगे, जो इसमें देरी के चलते मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, उपभोक्ता अदालतों, और अन्य न्यायिक स्तरों पर पहुंच रही हैं।
नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (NHCX) पोर्टल, अगले दो से तीन महीनों में लॉन्च होने जा रहा है। माना जा रहा है कि यह हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस को काफी आसान बना देगा। यह प्लेटफार्म पॉलिसीधारकों और सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच संपर्क को सहज और सरल बनाएगा।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने इस प्लेटफार्म को डिजाइन किया है ताकि इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेसिंग में तेजी लाई जा सके और इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित की जा सके। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स को इस पोर्टल के साथ इंटीग्रेट करने का निर्देश दिया है।
बड़े-बड़े इंश्योरेंस कंपनियां जैसे टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस, पैरामाउंट टीपीए और बजाज अलायंस इंश्योरेंस ने पहले ही इस पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन पूरा कर लिया है। फिलहाल, भारत में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कभी-कभी मैन्युअल प्रॉसेस पर बहुत निर्भर रहता है, जिससे समय की काफी खपत होती है।
हॉस्पिटल्स में अलग-अलग क्लेम पोर्टल होते हैं और हर पोर्टल पर लाभार्थी अलग-अलग प्रश्न पूछते हैं, जिससे प्रक्रिया और भी जटिल हो जाती है। लेकिन इस नए एकल पोर्टल से क्लेम प्रोसेसिंग में तेजी आएगी।
कहना गलत नहीं होगा कि अगर यह पोर्टल कामयाब हुआ, तो हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में पारदर्शिता के साथ-साथ कार्यक्षमता भी बढ़ेगी, जो पॉलिसीधारकों और मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।