Kakolat waterfall opened for public. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा जिले के ककोलत जलप्रपात में शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि ककोलत जलप्रपात के विकास से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस विकास से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले भी हमने विकास के कई कदम उठाए हैं और आगे भी जारी रखेंगे।
ककोलत जलप्रपात में विकास
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम हमेशा ककोलत आते रहते हैं और भविष्य में भी आते रहेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि ककोलत में विभिन्न विकास कार्य चल रहे हैं और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की जा रही है। उन्होंने ककोलत में पर्यटकीय सुविधाओं का लोकार्पण किया और वन विश्राम गृह ‘अरण्यधार’ का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने वन विश्राम गृह का निरीक्षण कर वहां के विकास कार्यों का जायजा लिया।
ककोलत जलप्रपात को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, त्रेतायुग में एक ऋषि के श्राप के कारण यहाँ एक साँप रहता था। माना जाता है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इस स्थान पर आकर उस सांप को श्राप से मुक्त किया था। यही कारण है कि यहाँ का जल पवित्र और शुद्ध माना जाता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि ककोलत जलप्रपात के विकास से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। हरनौत के द्वारिका बिगहा में मुहाने नदी पर नवनिर्मित पुल का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया।
ईको टूरिज्म सुविधा
दरअसल, ककोलत में ईको टूरिज्म सुविधा सहित अन्य विकास कार्यों के चलते इसे लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। अब इसे फिर से लोगों के लिए खोल दिया गया है। इस पहल से पर्यटक न केवल जलप्रपात का आनंद ले सकेंगे, बल्कि स्थानीय संस्कृति और सुंदरता का भी अनुभव कर सकेंगे।