8 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के ऐलान होने वाले है। इस बैठक में नई ब्याज दरों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अगर आरबीआई भारत में मौजूदा महंगाई को देखते हुए ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला करता है, तो इसका सीधा असर आम जनता और निवेशकों पर पड़ेगा।
ब्याज दर बढ़ने पर क्या होगा?
- फिक्स्ड डिपॉजिट: अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी बढ़ेगा, जिससे निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
- EMI: दूसरी तरफ, अगर आपने लोन लिया हुआ है, तो आपकी EMI भी बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि आपको अपने लोन के लिए ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा।
HDFC बैंक का स्पेशल एडिशन फिक्स्ड डिपॉजिट
बैंक में कैश डिपॉजिट को बढ़ावा देने के लिए HDFC बैंक ने अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है।
- 2 साल 11 महीने की अवधि: 7.35% ब्याज दर
- 4 साल 7 महीने की अवधि: 7.4% ब्याज दर
सीनियर सिटीजन के लिए:
सीनियर सिटीजन कैटेगरी में आने वाले निवेशकों के लिए 0.5% अतिरिक्त ब्याज का प्रावधान है, जिससे उन्हें अधिकतम 7.9% तक का ब्याज मिल सकता है।
ब्याज दर कम होने पर क्या होगा?
अगर RBI की MPC बैठक के बाद ब्याज दरों में कमी की जाती है, तो शेयर बाजार में अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है।
- कर्ज सस्ता: ब्याज दरें कम होने से कर्ज सस्ता होता है, जिससे कंपनियां नए प्रोजेक्ट्स के लिए लोन लेने की दिशा में बढ़ सकती हैं।
- इकोनॉमी पर असर: सस्ते कर्ज से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होता है, जिससे विकास की गति बढ़ सकती है।
आपके लिए क्या मायने रखता है?
- निवेशक: अगर आप निवेशक हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज को ध्यान में रखते हुए निवेश कर सकते हैं।
- लोन धारक: अगर आपने लोन ले रखा है, तो अपनी EMI की नई कैलकुलेशन कर लें, ताकि आप बढ़ने वाले खर्चे से तैयार रहें।
- शेयर बाजार में निवेश: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो ब्याज दरों के बदलाव के अनुसार आपके पोर्टफोलियो में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।