छह माह से दुबई में फंसे उत्तर प्रदेश व बिहार के तीन युवकों की सकुशल भारत वापसी हो गई है। इसके लिए उन्होंने समाजिक संस्थाओं और विदेश मंत्रालय के प्रति आभार जताया है।
बिहार के बक्सर जिले के एकौना गांव निवासी शंभूनाथ चौधरी के बेटे ऋषिकांत पटेल और रोहतास जिले के कोडडीह निवासी गिरजांनद सिंह के बेटे रोहित कुमार एजेंट के माध्यम से दुबई गए थे। उनके साथ उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रामकोला थाना क्षेत्र के ग्राम डम्मर छपरा निवासी प्रमोद कुशवाहा भी छह माह से फंसे थे। इनको दुबई ले जाने वाला एजेंट ही इनका पासपोर्ट लेकर फरार हो गया था, जिसके बाद इनकी स्वदेश वापसी नहीं हो पा रही थी। परेशान युवकों ने सोशल मीडिया के जरिये देशप्रेमी इंडिया फाउंडेशन और खाड़ी ख़बर से अपनी व्यथा बताई। संस्था के सचिव धीरज राय ने विदेश मंत्रालय व दिल्ली स्थित दूतावास के अधिकारियों से मिलकर गुहार लगाई, जिसके बाद अब इन युवकों की भारत वापसी हो गई है।
ये है पूरी कहानी
इन युवकों के मुताबिक घासीकटरा (गोरखपुर) के निवासी शहनाज खान पुत्र शाहिद खान, कुशीनगर निवासी प्रमोद कुशवाहा, बक्सर जिले के एकौना गांव निवासी ऋषिकांत पटेल और रोहतास जिले के कोडडीह निवासी रोहित कुमार को दुबई ले गया था, लेकिन वहां पर किसी अन्य कंपनी में लगाकर मजदूरी कराने लगा। इतना ही नहीं इस दौरान उसे वेतन भी नहीं दिया बल्कि इन युवकों के साथ मारपीट भी की और उनका पासपोर्ट लेकर फरार हो गया, जिससे ये युवक न तो वहां नौकरी कर पा रहे थे और नहीं भारत वापस आ पा रहे थे।
संस्था ने दिल्ली स्थित दूतावास व विदेश मंत्रालय को खत लिखकर और अधिकारियों से मिलकर इस पूरे मामले से अवगत कराया, साथ ही इन युवकों ने वहां के दूतावास में भी शिकायत की थी, जिस पर सक्रियता दिखाते हुए मंत्रालय ने दुबई स्थित दूतावास के अधिकारियों को निर्देशित किया। जिसके बाद दूतावास व मंत्रालय के अधिकारियों के प्रयासों से इन युवकों का पासपोर्ट मिल गया और अब वे सकुशल भारत आ गए हैं।