शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब UPI की तरह, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को निवेशकों के मोबाइल नंबर और सिम कार्ड से लिंक करना अनिवार्य होगा। 📱🔒
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
✅ सिम बाइंडिंग टेक्नोलॉजी – डीमैट खाते को निवेशक के मोबाइल नंबर, सिम और क्लाइंट कोड से जोड़ा जाएगा।
✅ सिर्फ रजिस्टर्ड डिवाइस से लॉगिन – बिना रजिस्टर्ड सिम और मोबाइल डिवाइस के कोई भी डीमैट खाते में लॉग इन नहीं कर पाएगा।
✅ IMEI और सिम वेरिफिकेशन जरूरी – निवेशकों के मोबाइल का IMEI नंबर और सिम का वेरिफिकेशन किया जाएगा।
🚀 फायदा: इससे फ्रॉड और अनधिकृत लेनदेन पर रोक लगेगी।

क्या होगा निवेशकों को फायदा?
📌 सिक्योरिटी बढ़ेगी – अनधिकृत एक्सेस और फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।
📌 ट्रांजेक्शन पर पूरा कंट्रोल – निवेशकों को हर लॉगिन की पूरी जानकारी मिलेगी (कब, कहां, किस डिवाइस से लॉगइन हुआ)।
📌 क्यूआर कोड से लॉगिन – लैपटॉप/डेस्कटॉप पर लॉगिन के लिए QR कोड का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
📌 स्वचालित लॉग-आउट – एक निश्चित समय के बाद खाता अपने आप लॉग-आउट हो जाएगा।
📌 फ्रॉड की संभावना होगी कम – डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में बिना सिम वेरिफिकेशन के लॉगिन नहीं होगा।
शुरुआत में किन ब्रोकर कंपनियों पर लागू होगा?
📢 SEBI इस सिस्टम को पहले 10 प्रमुख ब्रोकरेज फर्म्स के लिए लागू करेगा।
📌 शुरुआती चरण में यह वैकल्पिक रहेगा, लेकिन भविष्य में सभी निवेशकों के लिए अनिवार्य किया जा सकता है।





