Skoda Auto Volkswagen India (Skoda VW) भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का उत्पादन शुरू करने के लिए JSW Group और Tata Motors से लाइसेंसिंग समझौते की बातचीत कर रही है। पहले कंपनी Mahindra & Mahindra के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture – JV) बनाने वाली थी, लेकिन मूल्यांकन, वाहन प्लेटफॉर्म शेयरिंग और अन्य शर्तों पर सहमति नहीं बनने के कारण यह डील नहीं हो पाई।
Mahindra के साथ JV क्यों नहीं हो पाया?
Skoda VW और Mahindra के बीच बराबर हिस्सेदारी (50-50 JV) का प्लान था, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच मूल्यांकन और तकनीकी साझेदारी को लेकर सहमति नहीं बनी।
हालांकि, Skoda VW अब भी Mahindra के INGLO प्लेटफॉर्म (इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए एक हल्का और मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म) को लाइसेंस पर लेने में रुचि रखती है।
💬 एक सूत्र के मुताबिक, “Mahindra के साथ JV की बात खत्म हो चुकी है, लेकिन Skoda VW अब भी उसके INGLO प्लेटफॉर्म को लाइसेंस पर लेने के लिए बातचीत कर सकती है।”
Mahindra के प्रवक्ता ने भी कहा, “हम हमेशा कई कंपनियों से बातचीत करते रहते हैं। अगर हमें कोई सही मौका मिलता है, तो हम आगे बढ़ते हैं।”

अब Skoda VW क्यों JSW और Tata Motors से बात कर रही है?
अब जब Mahindra के साथ डील नहीं हो पाई, तो Skoda VW Tata Motors और JSW से उनकी इलेक्ट्रिक कार टेक्नोलॉजी का लाइसेंस लेने की कोशिश कर रही है।
- JSW भारत में चीन की SAIC Motor के साथ मिलकर MG ब्रांड की गाड़ियां बनाती है।
- Tata Motors पहले से ही भारत में सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी है।
हालांकि, अभी तक इन कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। Tata Motors के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।”
Skoda VW को लाइसेंसिंग डील से क्या फायदा होगा?
अगर Skoda VW किसी भारतीय कंपनी से लाइसेंसिंग डील कर लेती है, तो उसे कई बड़े फायदे मिल सकते हैं:
✔ कम लागत में नई इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर सकेगी।
✔ इंडिया में सख्त हो रहे फ्यूल एफिशिएंसी नियमों (CAFE III – 2028) को आसानी से पूरा कर सकेगी।
✔ अगर खुद से नई EV टेक्नोलॉजी विकसित करती, तो कंपनी को कम से कम $1 बिलियन (लगभग ₹8,200 करोड़) का निवेश करना पड़ता।
💡 क्या होता है लाइसेंसिंग समझौता?
लाइसेंसिंग एक कानूनी समझौता (Legal Contract) होता है, जिसमें एक कंपनी (Licensor) अपनी टेक्नोलॉजी, पेटेंट या ब्रांड का उपयोग करने की अनुमति दूसरी कंपनी (Licensee) को देती है, बदले में उसे रॉयल्टी या फीस मिलती है।
Skoda VW की भारत में EV रणनीति
Skoda VW ने 2018 में ₹1,000 करोड़ (₹10 बिलियन) का निवेश करने की घोषणा की थी। कंपनी अपनी India 2.0 रणनीति के तहत मिड-साइज़ SUV और सेडान गाड़ियां लॉन्च कर चुकी है। अब वह इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए नई रणनीति बना रही है और फंडिंग के लिए नए विकल्प तलाश रही है।
👉 अगर Skoda VW, JSW या Tata Motors से लाइसेंसिंग डील कर लेती है, तो भारत में इलेक्ट्रिक कार मार्केट में तेजी से उतर सकती है।




