भारत के बैंकिंग सेक्टर को लेकर आम धारणा है कि निजी बैंक ही बेहतर हैं, लेकिन ताज़ा आंकड़े इस सोच को चुनौती दे रहे हैं। बीते छह वर्षों में अधिकांश सरकारी बैंकों के NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) स्थिर बने हुए हैं और डेरिवेटिव्स जैसे जटिल वित्तीय उत्पादों में भी ये बैंक नहीं फंसे हैं।
🔍 क्या देखें निवेश से पहले?
विशेषज्ञ मानते हैं कि बैंकिंग सेक्टर में निवेश करते वक्त दो चीज़ों पर खास ध्यान देना चाहिए –
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NPA (Non-Performing Assets) – यानी वो लोन जो वापस नहीं आ रहे।
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Credit Growth – यानी बैंक कितना नया कर्ज दे रहे हैं।
फिलहाल क्रेडिट ग्रोथ थोड़ी धीमी है, लेकिन एनपीए कंट्रोल में हैं। इसका मतलब ये नहीं कि स्थिति खराब है, बल्कि इसका संकेत है कि बैंक अपने लोन को लेकर सतर्क हैं।

🏦 PSU बनाम प्राइवेट: कौन आगे?
मार्केट के हाल के उतार-चढ़ाव में भी PSU बैंक (जैसे कि यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, PNB) ने ठोस प्रदर्शन किया है। वहीं, HDFC Bank, जिसने अक्टूबर 2024 की गिरावट में सबसे ज़्यादा झटका खाया था, अब बीते पांच महीनों में अच्छी रिकवरी दिखा चुका है।
🌍 ग्लोबल सेंटिमेंट और FII का असर
FII (Foreign Institutional Investors) की बिकवाली से बैंकिंग सेक्टर में गिरावट आई थी, क्योंकि इनमें उनकी होल्डिंग सबसे ज़्यादा है। लेकिन अब धीरे-धीरे रिकवरी दिख रही है।
🧾 टॉप बैंकिंग स्टॉक्स और संभावित रिटर्न
| बैंक का नाम | राय | संभावित बढ़त (%) | मार्केट कैप | इंस्टीट्यूशनल हिस्सेदारी |
|---|---|---|---|---|
| करूर वैश्य बैंक | स्ट्रॉन्ग बाय | 49% | ₹17,554 Cr | 39.8% |
| HDFC बैंक | बाय | 39% | ₹14,60,878 Cr | 54.2% |
| एक्सिस बैंक | बाय | 37% | ₹3,68,079 Cr | 66.9% |
| पंजाब नैशनल बैंक | होल्ड | 36% | ₹1,17,906 Cr | 15.9% |
| केनरा बैंक | बाय | 36% | ₹90,180 Cr | 17.5% |
| यूनियन बैंक | स्ट्रॉन्ग बाय | 32% | ₹98,016 Cr | 13.4% |
| बैंक ऑफ बड़ौदा | बाय | 30% | ₹1,30,835 Cr | 19.6% |
| DCB बैंक | स्ट्रॉन्ग बाय | 30% | ₹4,317 Cr | 32.0% |
| ICICI बैंक | बाय | 29% | ₹10,19,191 Cr | 54.5% |
| SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) | बाय | 29% | ₹7,24,456 Cr | 26.9% |
| फेडरल बैंक | बाय | 28% | ₹49,930 Cr | 60.9% |




