वैश्विक शिक्षा क्षेत्र के मामले में भी दुबई अब अपनी खास पहचान बनाता जा रहा है। दुबई भारतीय छात्रों की पहली पसंद बनकर उभर रहा है जहां वो अपने उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं। Knowledge and Human Development Authority (KHDA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2024–25 शैक्षणिक वर्ष में दुबई के उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 42% हिस्सा भारतीय छात्रों का है।
दुबई क्यों है खास
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सरकारी नीतियों की स्पष्टता,
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मजबूत शैक्षणिक अवसंरचना, और
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तेजी से विकसित होता जॉब मार्केट — इन तीनों कारकों ने दुबई को पारंपरिक विदेशी शिक्षा गंतव्यों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सशक्त विकल्प के रूप में उभारा है।
दुबई सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की कार्यकारी निदेशक डॉ. अनिता पाटणकर ने कहा कि “दुबई अब अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट दोनों स्तरों पर विश्वस्तरीय शिक्षा का केंद्र बन चुका है। भारत के समीपता, अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और भारतीय व वैश्विक संस्थानों की मजबूत उपस्थिति ने यूएई को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर खिलाड़ी बना दिया है।”
भारतीय छात्रों के लिए मुख्य आकर्षण
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कम दूरी और यात्रा की सुविधा
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गोल्डन वीज़ा व पोस्ट-स्टडी अवसर
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भारत जैसी सांस्कृतिक और भाषाई अनुकूलता
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वैश्विक डिग्री, क्षेत्रीय प्लेसमेंट
दुबई में पढ़ाई केवल डिग्री तक सीमित नहीं
KHDA द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, दुबई के अंतरराष्ट्रीय छात्र मुख्य रूप से व्यवसाय संबंधी पाठ्यक्रमों (54%) का चयन कर रहे हैं। इसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और इंजीनियरिंग, दोनों में 11% छात्रों का रुझान है।
ये क्षेत्र उन भारतीय छात्रों की पसंद से मेल खाते हैं, जो आज के तेजी से बदलते जॉब मार्केट में प्रासंगिक और व्यावसायिक शिक्षा की तलाश में हैं। डॉ. अनिता पाटणकर ने कहा कि “यह केवल डिग्री हासिल करने की बात नहीं है—यह प्रासंगिकता, लचीलापन और वास्तविक जीवन में परिणामों की बात हैदुबई में छात्रों को ये सब मिल रहा है — भाषा, संस्कृति, भोजन, और जीवंत भारतीय समुदाय जैसी परिचित चीज़ों के साथ।”
छात्रों से आगे—भारतीय शिक्षकों की बड़ी भागीदारी
भारतीय उपस्थिति केवल छात्रों तक सीमित नहीं है। KHDA के अनुसार, दुबई के अधिकृत उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत कुल फैकल्टी में से लगभग 29% भारतीय मूल के हैं। यह आँकड़ा भारतीय छात्रों के लिए भरोसे और सांस्कृतिक अपनापन का संकेत है, जो उन्हें नए सिस्टम में सहज बनाने में मदद करता है।
पढ़ाई के बाद रहने के विकल्प
हालांकि दुबई पारंपरिक “पोस्ट-स्टडी वर्क वीज़ा” की पेशकश नहीं करता, फिर भी विदेशी प्रतिभा को बनाए रखने के लिए विकल्प लगातार खुल रहे हैं:
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वर्क वीज़ा और जॉब सीकर वीज़ा
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फ्रीलांसर और इन्वेस्टर वीज़ा
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लंबी अवधि का समाधान: यूएई गोल्डन वीज़ा, जो कई छात्रों और पेशेवरों के लिए सबसे आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
उच्च शिक्षा का बढ़ता विस्तार
आज दुबई में 41 उच्च शिक्षा संस्थानों का संचालन है, जिनमें से 37 अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कैंपस हैं — जैसे यूके, यूएस, फ्रांस और भारत के प्रतिष्ठित संस्थान। KHDA के अनुसार, इस साल छात्र नामांकन में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे कई विश्वविद्यालयों ने बिजनेस, टेक्नोलॉजी और AI जैसे हॉट-डिमांड कोर्सेस में वेटलिस्ट शुरू कर दी हैं।





