केरल के पलक्कड़ की रहने वाली और पेशे से नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जाएगी। यमन के नागरिक तलाल महदी की हत्या के आरोप में निमिषा जेल में बंद है। मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने बताया कि उसके पास निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी की पावर ऑफ अटॉर्नी है। जेरोम ने बताया कि जेल अधिकारियों ने उसको निमिषा की फांसी की सजा की तारीख की जानकारी दे दी है। निमिषा को बचाने के लिए उसके परिवार और भारत सरकार की सारी कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं।
आइए जानते हैं कैसे 14 साल पहले केरल के पलक्कड़ से यमन पहुंची पेशे से नर्स निमिषा प्रिया कैसे फांसी के फंदे तक पहुंच गई।
2011 में नौकरी के लिए पहुंची थी यमन
साल 2011 में केरल के पलक्कड़ से निमिषा प्रिया नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन की राजधानी सना में आयी थी। साल 2014 में ही विद्रोही समूह हूती ने सना पर कब्जा कर लिया फिर यमन में गृहयुद्ध के चलते निमिषा भारत नहीं लौट सकीं और उनके पति और बच्चा यमन नहीं जा सके। बताया जा रहा है कि निमिषा अपने माता-पिता को अच्छी जिंदगी देने के मकसद से वहां गई थीं। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे।
तलाल महदी के साथ खोला था क्लीनिक
यमन की कई अस्पतालों में काम करने के बाद फिर निमिषा प्रिया ने वहीं यमन के नागरिक तलाल महदी के साथ मिलकर अपना क्लीनिक खोल लिया। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही निमिषा और तलाल में अनबन होने लगी थी। तलाल ने निमिषा के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया था। साल 2016 में निमिषा ने तलाल पर मारपीट और शोषण का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की थी जिसके बाद तलाल गिरफ्तार हो गया था।
साल 2017 में जेल से बाहर आने के बाद तलाल ने फिर से निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया था। तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट भी छिपा कर रख लिया था और उसे परेशान करने लगा। निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए तलाल को नशीला इंजेक्शन लगाया लेकिन इसकी ओवरडोज से तलाल की मौत हो गई।
तलाल की बॉडी के टुकड़े पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया
तलाल की मौत के बाद निमिषा ने अपने दोस्त अब्दुल हनान के साथ मिलकर तलाल की बॉडी के टुकड़े करके उसे पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। इस मामले की जांच करते हुए अगस्त, 2017 में पुलिस ने निमिषा और उनके साथी अब्दुल हन्नान को गिरफ्तार किया।
पुलिस की जांच और पेश किए गए सबूतों को कोर्ट ने सही माना। साल 2018 में निमिषा को हत्या का दोषी ठहराया और 2020 में मौत की सजा सुनाई। वहीं अब्दुल हनान को उम्रकैद की सजा सुनाई।
ब्लड मनी पर नहीं बनी कोई बात
निमिषा प्रिया का परिवार लगातार कोशिश कर रहा है कि किसी तरह उनकी बेटी की फांसी की सजा को रोका जा सके। निमिषा की मां मां प्रेमा कुमारी ने पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करने की कोशिश की तो भारत सरकार से भी गुहार लगाई। लेकिन महदी के परिवार से ब्लड मनी बातचीत सफल नहीं हो सकी तो दूसरी ओर यमनी राष्ट्रपति ने भी सजा माफी की अपील खारिज कर दी। बीते 8 सालों से यमन की जेल में बंद निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी की सजा सुनाई जाएगी।




