भारत के HDFC बैंक पर आरोप है कि उसने उच्च जोखिम वाले क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) बॉन्ड उन विदेशी निवेशकों को बेचे, जो ऐसे निवेश के लिए पात्र (ineligible) नहीं थे। इन निवेशकों में यूएई (UAE) के कुछ लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के नागपुर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में HDFC बैंक के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इसमें बैंक के प्रबंध निदेशक (Managing Director) सहित कई टॉप अधिकारियों को 11 जुलाई की तारीख वाले नोटिस के तहत पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आरोप है कि इन बॉन्ड्स को ऐसे लोगों को बेचा गया, जो जोखिम भरे निवेश समझने या वहन करने की स्थिति में नहीं थे। शिकायत में कहा गया है कि इस प्रक्रिया में नियमों और निवेशकों की पात्रता की अनदेखी की गई।
UAE और भारत दोनों में जांच का सामना
भारत के HDFC बैंक पर अब दो देशों में कार्रवाई हो रही है — भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) — जहां कुछ विदेशी निवेशकों ने आरोप लगाया है कि बैंक ने उन्हें जोखिम भरे AT1 (Additional Tier-1) बॉन्ड बेचे, जिनकी जानकारी और जोखिम सही तरीके से नहीं बताए गए थे।
आपको बता दें कि 27 जून 2025 को खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के द्वारा ये मामला सामने आया था जिसमें एक निवेशक का बयान भी शामिल था। उसी निवेशक ने भारत के नागपुर पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 11 जुलाई को HDFC बैंक के चार वरिष्ठ अधिकारियों (जिसमें प्रबंध निदेशक भी शामिल हैं) को 12 जुलाई, शनिवार सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
क्या हैं आरोप
आरोप है कि बैंक के दुबई स्थित रिलेशनशिप मैनेजरों ने UAE में ऐसे निवेशकों को AT1 बॉन्ड बेच दिए, जो इन प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए पात्र नहीं थे। ये AT1 बॉन्ड पूरी तरह से डूब गए जब मार्च 2023 में क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) का पतन हुआ। DFSA (दुबई फाइनेंशियल सर्विसेज अथॉरिटी) के नियमों के अनुसार, ये बॉन्ड सिर्फ उन्हीं को बेचे जा सकते हैं, जिनकी नेट वर्थ $1 मिलियन से अधिक हो या जिन्हें जटिल निवेश उत्पादों का अनुभव हो। KYC (Know Your Customer) फॉर्म्स में हेरफेर कर कुछ निवेशकों को ‘प्रोफेशनल क्लाइंट’ के रूप में दर्ज किया गया, जिससे वे पात्र दिखें।
जांच शुरू हुई या नहीं
DFSA ने कोई पुष्टि या खंडन नहीं किया है कि उन्होंने HDFC बैंक के खिलाफ जांच शुरू की है या नहीं, क्योंकि नियमन कानून के अनुच्छेद 38 के तहत गोपनीयता अनिवार्य है। एक दुबई स्थित निवेशक, जिसने भारत में पुलिस शिकायत दर्ज कराई उसने कहा, “अब हम देख रहे हैं कि यह मामला सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहा।”
HDFC बैंक ने क्या कहा
वहीं इस मामले पर HDFC बैंक ने किसी भी गलत व्यवहार से इनकार किया है और कहा है कि उनके पास ठोस प्रक्रिया है जिसमें प्रोडक्ट्स की जानकारी और जोखिम स्पष्ट रूप से बताए जाते हैं। उन्होंने अपने चेयरमैन के DFSA अधिकारियों से मिलने की खबर को “अनुमान और अफवाह” बताया है।




