मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यूएई के अर्थव्यवस्था और पर्यटन मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मरी से कहा कि वे आंध्र प्रदेश में निवेश के मौकों को देखें। खासतौर से समुद्री बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स (माल ढुलाई), खेती, जहाज बनाने, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी राज्य के विकास में साथ देगा, सरकार उसकी हर संभव मदद करेगी।
नायडू ने कहा, “मैं आपको न्योता देता हूं कि आप साल का 25% समय हमारे राज्य में बिताइए और खुद देखिए कि हम कैसे काम करते हैं। अगर आपको लगे कि हम अपने वादे पूरे नहीं कर सकते, तो आप हमें छोड़ सकते हैं।” विजयवाड़ा में बुधवार (23 जुलाई 2024) को CII और यूएई की ग्लोबल निवेश संस्था इंवेस्टोपिया द्वारा आयोजित एक निवेशक मीट में मुख्यमंत्री नायडू ने ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार समयबद्ध मंजूरी देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अब ‘Ease of Doing Business’ से आगे बढ़कर ‘Speed of Doing Business’ की तरफ जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय खुद निवेश प्रोजेक्ट्स की निगरानी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के पास खेती की ज़मीन, पानी की भरपूर उपलब्धता, 1,053 किलोमीटर लंबा समुद्री किनारा, बंदरगाह, हवाई अड्डे, कुशल श्रमिक, रेल और सड़क नेटवर्क जैसी कई खूबियां हैं जो निवेशकों को आकर्षित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यूएई सरकार और कारोबारी यहां आकर देखें और निश्चिंत रहें कि उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा। सरकार ने 15 अलग-अलग सेक्टरों के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं और निवेश करने वालों को ढेरों प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। नायडू ने कहा कि पिछले साल आंध्र प्रदेश और यूएई के बीच कुल व्यापार 1.45 अरब डॉलर (करीब ₹12,500 करोड़) का हुआ था और इसमें काफी बढ़ोतरी की गुंजाइश है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के अनुरूप है।
उन्होंने बताया कि एक ब्रिटिश कंपनी कृष्णपट्टनम में ग्रीन अमोनिया प्लांट लगाने वाली है, डीपी वर्ल्ड राज्य के समुद्री सेक्टर में निवेश करना चाहती है और भी कई कंपनियां सरकार के संपर्क में हैं। नायडू ने फिर दोहराया कि आंध्र प्रदेश, यूएई निवेशकों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
इस कार्यक्रम में राज्य के उद्योग मंत्री टी. जी. भारत, मुख्य सचिव के. विजयानंद, लुलु इंटरनेशनल के एमडी वाई. अली, इंवेस्टोपिया के सीईओ जीन फैरेस और CII के भावी अध्यक्ष आर. मुकुंदन ने भी हिस्सा लिया। बाद में आंध्र प्रदेश सरकार और इंवेस्टोपिया के बीच एक एमओयू (समझौता पत्र) पर भी साइन हुआ। राज्य की आर्थिक विकास संस्था (APEDB) के सीईओ सी. एम. साईकांत वर्मा और फैरेस ने दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया।




