सऊदी अरब ने मरीन लाइफ की सुरक्षा और महिला भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान रॉयल रिज़र्व ने मिडिल ईस्ट की पहली महिला “सी रेंजर” टीम की शुरुआत की है। यह घोषणा “वर्ल्ड रेंजर डे” के दिन की गई, ताकि महिलाओं की भागीदारी को सराहा जा सके।
अब इस रिज़र्व में कुल 246 रेंजर हैं, जिनमें 34% महिलाएं हैं। इन महिला रेंजरों को अब समुद्र के किनारे और पानी में गश्त करने की ज़िम्मेदारी भी मिल गई है। ये महिलाएं अब सऊदी बॉर्डर गार्ड और पुरुष रेंजरों के साथ मिलकर काम करेंगी।
इनमें से एक रेंजर रुकैयाह अल-बलावी हैं, जो पहले से ही तीन साल से काम कर रही थीं और अब सी रेंजर बन गई हैं। उन्होंने पहली बार तैरना इसी रिज़र्व में सीखा और अब उन्हें समुद्री दुनिया में काम करना बहुत पसंद है। दूसरी रेंजर गैदा ने बताया कि शुरू में उन्हें पानी से डर लगता था, लेकिन अभ्यास और टीम के सहयोग से वो आज आत्मविश्वासी बन गई हैं। अब उन्हें समुद्र में काम करने से शांति और ताकत महसूस होती है।
महिला रेंजरों को समुद्र के किनारे गश्त करने, समुद्री जीवन पर नज़र रखने, नियम लागू करने और समुद्री रिसर्च में मदद करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। इसके लिए उन्होंने तैराकी और समुद्र में काम करने की कठिन ट्रेनिंग ली है। हर महीने उनकी फिटनेस जांची जाती है, ताकि वे तैयार रहें। इस पहल से न सिर्फ सऊदी अरब बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट में यह संदेश जा रहा है कि महिलाएं भी पर्यावरण की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकती हैं। अब दूसरे क्षेत्र भी इसी तरह की पहल की योजना बना रहे हैं।
इस समय रिज़र्व में महिलाएं 34% रेंजर स्टाफ का हिस्सा हैं, जो कि सऊदी विजन 2030 के लक्ष्य (35%) के करीब है और दुनिया भर के औसत (11%) से काफी आगे। रेंजरों का काम सिर्फ गश्त लगाना नहीं है, वे समुद्री जैवविविधता की रक्षा, जानवरों की वापसी, पर्यावरण नियमों की निगरानी और नए विकास कार्यों पर नज़र रखते हैं। 2022 से अब तक रेंजरों ने लगभग 35,000 गश्त की हैं। पहले महिलाएं समुद्र में तैरने या काम करने में शामिल नहीं थीं, लेकिन जुलाई 2024 में एक विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हुई, जिसके एक साल बाद अब 7 महिलाएं समुद्र में गश्त करने लगी हैं।
सऊदी अरब का यह समुद्री क्षेत्र बहुत खास है यहां 64% कोरल, 22% मछलियों की प्रजातियां और कई दुर्लभ समुद्री जीव पाए जाते हैं। महिला सी रेंजर अब इनकी रक्षा के लिए खास बोट्स पर तैनात हैं।




