भारतीय ब्लू-कॉलर कामगार (जैसे कंस्ट्रक्शन वर्कर, ड्राइवर, टेक्नीशियन आदि) खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बने हुए हैं। हाल ही में सरकार के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मध्य पूर्व (Middle East) के 14 देशों में 16 लाख से ज्यादा भारतीय काम कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने 31 जुलाई को राज्यसभा में आंकड़े पेश किए, जिसमें बताया गया कि पिछले 5 सालों में भारतीयों का पलायन तेजी से बढ़ा है, खासकर निर्माण (construction) और अन्य मजदूरी वाले क्षेत्रों में।
Saudi Arabia सबसे आगे
जनवरी 2020 से जून 2025 के बीच सऊदी अरब ने अकेले 6.95 लाख भारतीय कामगारों को रोजगार दिया। इसके बाद अन्य खाड़ी देशों में भारतीय कामगारों की संख्या UAE (संयुक्त अरब अमीरात) – 3.41 लाख, कुवैत – 2.01 लाख, कतर – 1.53 लाख और ओमान – 1.16 लाख है।
कोरोना महामारी के बाद 2023 में सबसे ज्यादा (3.98 लाख) भारतीय कामगार विदेश गए। सिर्फ सऊदी अरब ने 2023 में 2 लाख से ज्यादा भारतीयों को काम पर रखा। 2024 में 1.67 लाख लोगों को नौकरी मिली और 2025 में भी ये रुझान जारी है। इस समय UAE सबसे ज्यादा नई भर्तियां कर रहा है।
भारतीय कामगारों की मांग क्यों बढ़ी?
Saudi Arabia के Vision 2030 के प्रोजेक्ट्स (जैसे NEOM और The Line) में भारी संख्या में श्रमिकों की जरूरत है। इसी वजह से भारतीयों की मांग तेजी से बढ़ी है।
भारतीय कामगारों की खासियत:
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अनुभव (Experience)
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भरोसेमंद होना (Reliability)
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Gulf देशों के कामकाजी माहौल में जल्दी ढल जाना
Saad Al Qahtani Contracting (SAQCO) के CEO Althaf Ullal ने बताया कि भारतीय कामगारों की ये खूबियां उन्हें सबसे अलग बनाती हैं। Expertise Contracting Company Limited के ऑपरेशंस डायरेक्टर KA Sheikh Karnire ने बताया उनकी कंपनी हर साल 4000-5000 भारतीयों को भर्ती और ट्रेन करती है (सऊदी प्रोजेक्ट्स के लिए)। कुवैत में भी मांग तेजी से बढ़ी है। कंपनियां अच्छे वेतन पैकेज देकर भारतीय टैलेंट को आकर्षित कर रही हैं।
सरकार की सुरक्षा योजनाएं प्रवासी कामगारों के लिए
भारत सरकार ने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं:
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टोल-फ्री हेल्पलाइन
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WhatsApp सपोर्ट
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मोबाइल ऐप्स
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प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (PBK) मुख्य शहरों में
सेफ माइग्रेशन प्रोग्राम:
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Pre-Departure Orientation Training (PDOT)
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Pravasi Bharatiya Bima Yojana (बीमा योजना)
Indian Community Welfare Fund:
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अब तक ₹703 करोड़ की सहायता दी गई।
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3.5 लाख से ज्यादा भारतीयों को विदेश में लीगल, मेडिकल, और इमरजेंसी मदद दी गई है।




