सऊदी अरब, जो दुनिया के सबसे कट्टर इस्लामी देशों में से एक माना जाता है और जहां सख्त शरीयत कानून लागू है। लेकिन हाल के सालों में सऊदी ने कुछ मामलों में नरमी दिखाई है। इसमें महिलाओं के अधिकार, मनोरंजन, और संगीत जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं।
शराब पीना, रखना या लाना दंडनीय अपराध
लेकिन इसके बावजूद सऊदी में शराब का सेवन करना अभी भी पूरी तरह से अपराध है। शराब पीना, रखना या लाना सऊदी अरब में एक दंडनीय अपराध है। यदि कोई व्यक्ति शराब के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे कड़ी सज़ा दी जा सकती है जैसे कि जेल, भारी जुर्माना, निर्वासन (विदेशियों के लिए) और पहले की तरह सार्वजनिक सज़ाएं (हालांकि अब कम होती हैं)।
सऊदी में कई सुधार हुए हैं महिलाएं अब गाड़ी चला सकती हैं, यात्रा कर सकती हैं, सिनेमा, संगीत समारोह और खेल कार्यक्रमों की अनुमति मिल चुकी है, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए ई-वीजा और पर्यटन परियोजनाएं शुरू हुई हैं। लेकिन, सरकार ने शराब पर लगे प्रतिबंध को आज तक नहीं हटाया है और यह अब भी शरीयत कानून के अंतर्गत एक गंभीर अपराध बना हुआ है।
क्या सऊदी अरब में शराब का लाइसेंस मिल सकता है?
वर्तमान में, सऊदी अरब में शराब बेचने या सार्वजनिक रूप से पीने के लिए कोई आधिकारिक लाइसेंस प्रणाली मौजूद नहीं है। देश में पब्लिक शराब की दुकानें नहीं हैं और शराब का व्यापार या सेवन अवैध है। Metro News की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी सरकार 2026 से शराब के लिए लाइसेंस प्रणाली लागू करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि देशभर में लगभग 600 पर्यटन स्थलों पर शराब की बिक्री शुरू हो चुकी है।
सऊदी अरब में शराब प्रतिबंधित क्यों है?
शराब और नशीली वस्तुओं का सेवन इस्लामी शरीयत कानून के अंतर्गत हराम (अवैध) माना गया है। शरीयत के अनुसार, यह एक बड़ा पाप (गुनाहे-कबीरा) है। सऊदी अरब में मक्का और मदीना जैसे इस्लाम के पवित्र शहर स्थित हैं, जिससे वहां धार्मिक सख्ती और पवित्रता बनाए रखना जरूरी होता है।
किसे छूट मिलती है?
निजी जगहों पर गिने-चुने गैर-मुस्लिम राजनयिकों (diplomats) को सीमित मात्रा में शराब रखने और पीने की अनुमति होती है। गैर-मुस्लिम विदेशी पर्यटकों को विशेष पर्यटन क्षेत्रों में कुछ सीमित छूट मिल सकती है, लेकिन यह बहुत सीमित और निजी होती है, सार्वजनिक रूप से नहीं।




