भारत और कई सामाजिक संगठन मिलकर निमिषा प्रिया को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यमन में पीड़ित परिवार को “ब्लड मनी” (1 मिलियन डॉलर) देकर माफी मांगने की कोशिश हो रही थी, जिससे निमिषा को सजा से राहत मिल सके।
लेकिन एक युवा केरल विधायक (संभावित रूप से चांडी ऊम्मन) पर यह आरोप लगा है कि वो कुछ ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं जो इस मामले को और उलझा रहे हैं। के.ए. पॉल (आंध्र प्रदेश के एक ईसाई प्रचारक) और उनके सहयोगी सैमुअल जेरोम ने पीड़ित परिवार को और ज़्यादा पैसे देने की पेशकश की, जिससे बातचीत में गड़बड़ी आ गई।
कौन हैं के.ए. पॉल
के.ए. पॉल एक प्रचारक और राजनेता हैं जो बड़े-बड़े दावे करते हैं, जैसे उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडेन से मुलाकात की। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने निमिषा की सजा रद्द करवा दी है, जबकि भारत सरकार का कहना है कि सिर्फ फांसी टली है, माफ़ी नहीं मिली।
निमिषा की 13 साल की बेटी मिशेल ने एक वीडियो में कहा “मैं अपनी मां को बहुत मिस करती हूं। कृपया उन्हें भारत वापस लाने में मदद करें।”
भारत सरकार की स्थिति
भारत की विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि यमन में भारत का दूतावास नहीं है, लेकिन वह तीसरे देशों के ज़रिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने सभी से अपील की है कि झूठी खबरों से बचें।
गौरतलब है कि निमिषा प्रिया का मामला बेहद संवेदनशील और जटिल है। इसमें कई पक्षों की भूमिका है सरकार, सामाजिक कार्यकर्ता, और कुछ स्वयंभू नेता। इस समय जरूरत है एकजुटता और शांतिपूर्ण समाधान की।




