आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन जय शाह ने अबू धाबी स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा किया। ये क्षेत्र का पहला हस्तनिर्मित पारंपरिक बलुआ पत्थर का मंदिर है। बीएपीएस हिंदू मंदिर अबू धाबी के प्रमुख पुज्य ब्रह्मविहारी स्वामी के मार्गदर्शन में शाह ने मंदिर की जटिल वास्तुकला और शांत वातावरण का अवलोकन किया।
संजोग गुप्ता, सीईओ, आईसीसी के साथ पहुंचे शाह ने मंदिर के डिज़ाइन, शिल्पकला और समुदाय के लिए इसके आध्यात्मिक केंद्र के रूप में महत्व को करीब से समझा। शाह ने कहा, “यह मंदिर केवल ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित नहीं है, बल्कि यह सौहार्द की आत्मा है,” और धार्मिक सह-अस्तित्व व सामाजिक एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मंदिर की गहरी महत्ता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यह वह संदेश है जिसकी हमारे विश्व को आज पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।”
मंदिर की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि शाह और गुप्ता मंदिर की अद्भुत वास्तुकला, बारीकी और आध्यात्मिक शांति से “अभिभूत” हो गए। “मंदिर से प्रस्फुटित होने वाले सौहार्द और भक्ति से गहराई से प्रभावित होकर, उन्होंने इसे एकता और अमर मानवता का प्रतीक बताया। यह नेतृत्व और विरासत का ऐसा संगम था, जो विश्वभर में नेताओं और अनुयायियों को प्रेरित करता है।”
यह दौरा इस तथ्य को रेखांकित करता है कि अबू धाबी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का एक केंद्र बनता जा रहा है। शाह का यह दौरा यह भी दर्शाता है कि आईसीसी नेतृत्व खेल के मैदान से परे समुदायों के साथ जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध है।




