केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया, जो वर्तमान में यमन में मृत्युदंड की सजा भुगत रही हैं उनको फिलहाल कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। यह जानकारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय को दी गई। भारतीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह अपडेट ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। यह संगठन उन्हें कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है और भारतीय सरकार से राजनयिक हस्तक्षेप की मांग कर रहा है।
प्रिया को जुलाई 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। वर्ष 2020 में उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई। केरल की यह नर्स यमन की राजधानी सना’ की जेल में बंद है। उनकी फांसी को यमनी अदालत ने वार्ता जारी रहने के कारण टाल दिया है।
निमिषा प्रिया को बचाने के लिए प्रयास जारी
‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बातचीत जारी है और थोड़े समय के लिए स्थगन की मांग की। उन्होंने कहा, “अभी कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। कृपया इसे चार हफ्तों के लिए स्थगित करें। उम्मीद है, तब तक सब कुछ सुलझ जाएगा।”
याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि भारतीय सरकार को राजनयिक माध्यमों का उपयोग कर प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं। 18 जुलाई को भारत सरकार ने अदालत को बताया था कि वह हर संभव प्रयास कर रही है और यमनी अधिकारियों व “मित्र देशों” के साथ मिलकर एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने में लगी है।
याचिकाकर्ता संगठन ने यह भी अनुरोध किया कि सरकार यमन में पीड़ित के परिवार के साथ सीधे बातचीत करने के लिए आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजे। अदालत ने कहा कि इस संबंध में सरकार के समक्ष प्रस्तुति दी जा सकती है।




