यूएई के राष्ट्रीय मीडिया कार्यालय (National Media Office – NMO) ने सोशल मीडिया के कुछ उपयोगकर्ताओं को मीडिया कंटेंट मानकों का उल्लंघन करने पर संघीय लोक अभियोजन (Federal Public Prosecution) के पास भेज दिया है।
कार्यालय ने स्पष्ट किया कि उसकी मॉनिटरिंग टीम चौबीसों घंटे काम करती है, ताकि किसी भी तरह के उल्लंघन को सही ढंग से पहचान सके, उपयोगकर्ताओं को उनके गलत आचरण के बारे में सूचित कर सके और उन्हें लागू कानूनों, नियमों और निर्देशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर सके, ताकि वे कानूनी कार्रवाई से बच सकें।
NMO ने बताया कि ये कदम इसलिए उठाए जाते हैं ताकि एक जिम्मेदार मीडिया वातावरण बनाए रखा जा सके और समाज को हानिकारक या गैर-रचनात्मक सामग्री से बचाया जा सके। कार्यालय ने सभी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील की कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बातचीत करते समय मीडिया मूल्यों, नैतिक मानकों और सामाजिक आचरण का पालन करें तथा देश की परंपराओं और कानूनी ढांचे का सम्मान करें।
मार्च में भी राष्ट्रीय मीडिया कार्यालय ने यह याद दिलाया था कि यूएई के सभी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को राज्य के मूल्यों और सम्मान, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। कार्यालय ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के सहयोग से वह ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ राष्ट्रीय कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई जारी रखेगा। ये कानून एक सुरक्षित और संतुलित डिजिटल वातावरण बनाने के लिए बनाए गए हैं, जो आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है।
राष्ट्रीय मीडिया कार्यालय और यूएई मीडिया काउंसिल के अध्यक्ष, शेख अब्दुल्ला अल हामद ने कहा कि मीडिया की जिम्मेदारी एक सभ्यतागत और नैतिक दायित्व है, जो यूएई के सम्मान और सहिष्णुता के मूल्यों को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “शब्द एक अमानत हैं, और इन्हें उपयोग करने वाले जिम्मेदार हैं कि इन्हें नज़दीकियां बढ़ाने का पुल बनाएं, न कि अपमान का औज़ार।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे कदम शब्दों को अपमान में बदलने से बचाने के लिए हैं। हम ऐसी स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, जो दूसरों का सम्मान करे और रचनात्मक संवाद को बढ़ावा दे। जो शब्द सम्मान बोता है, वह विश्वास की फसल देता है, जबकि जो शब्द नैतिकता तोड़ता है, वह उसके लेखक को जवाबदेही के कटघरे में लाता है।”
शेख अल हामद ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से आह्वान किया कि वे नैतिक और कानूनी मानकों का पालन करें। उन्होंने कहा कि जागरूक भागीदारी से देश की प्रतिष्ठा सुरक्षित रहती है, व्यक्ति की छवि बनी रहती है और भाईचारे व मित्रता वाले देशों के साथ विश्वास के पुल मजबूत होते हैं।




