पंजाब के जालंधर की रहने वाली एक लड़की ने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ओमान जाने का फैसला किया। लड़की अमृतसर से मुंबई होते हुए ओमान पहुंची लेकिन जैसे ही वो मस्कट में पहुंची उसे ऐसा एहसास हो गया कि वो शायद गलत लोगों के चुंगल में फंस गई है। मस्कट में कई महीनों तक बंधक रहने के बाद भारत पहुंची इस बेटी ने अपनी दास्तां सुनाई जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे। मस्कट में लड़की को शारीरिक और मानसिक तौर पर खूब सताया गया। लड़की ने बताया कि उसे जहां पर कैद किया गया था वहां पहले से ही कई अन्य भारतीय महिलायें भी कैद में थीं।
एक महीने तक केवल पानी पीकर जिंदा रहने पर मजबूर
ओमान जाने के लिए जालंधर की रहने वाली इस लड़की ने अमृतसर से फ्लाइट पकड़ी। मुंबई होते हुए जब वो मस्कट पहुंची तो उसको ऐसा एहसास हो गया कि वो यहां पर फंस गई। लड़की ने खुलासा किया कि वहां पर उसे एक ऑफिस जैसी इमारत में रखा गया था जहां पर पहले से 10 से ज्यादा भारतीय लड़कियां मौजूद थीं। इन लड़कियों को दिन में 12-12 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। छोटी-छोटी गलतियों पर खूब पीटा जाता था। वो लोग इन लड़कियों को खाने के लिए भी कुछ नहीं देते थे। लड़की ने बताया कि वो पूरे एक महीने तक केवल पानी पीकर जिंदा रही।
नर्क जैसी जिंदगी जीनी पड़ी
पंजाब की इस बेटी ने बताया कि चार महीने तक उसे नर्क जैसी जिंदगी गुजारनी पड़ी। जैसे ही वो मस्कट एयरपोर्ट पर पहुंची एजेंटो ने लड़की का पासपोर्ट और मोबाइल छीन लिया। जानवरों से भी खराब व्यवहार उनके साथ किया गया। पीड़िता ने बताया कि तस्कर भारतीय महिलाओं को विदेश में अच्छी नौकरी और अच्छी तनख्वाह का वादा करके फुसलाते हैं। जब महिलाएं अपने गंतव्य पर पहुंचती हैं। जब वीज का समय खत्म होता है तो पूरी सच्चाई सामने आती है।
करवाते हैं गलत काम
पीड़िता ने बताया कि एजेंट महिलाओं को गलत काम करने पर मजबूर करते हैं। जब महिलायें गलत काम करने के लिए मना करती तो उनके साथ मारपीट की जाती है। उन्हें तब तक पीटा जाता है जब तक कि वो बेहोश ना हो। पीड़िता ने बताया कि वो एक दोस्त के जरिए फंस गई थी जिसने उसे यकीन दिलाया था कि यह एक अच्छा मौका है।
जानिए कैसे हुई लड़की की वापसी
पीड़िता ने बताया कि जब मैं अपनी मां से संपर्क नहीं कर पायी तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा सांसद सीचेवाल से संपर्क किया। उन्होंने यह मामला विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया। ओमान स्थित भारतीय दूतावास की मदद से महिला को आखिरकार बचा लिया गया और सुरक्षित भारत वापस लाया गया।




